जजों की वरिष्ठता से जुड़े मामले में प्रदेश उच्च न्यायालय ने रजिस्ट्रार जनरल सहित 11 अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश को नोटिस जारी किया है। न्यायाधीश सबीना व न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश गौरव महाजन द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात प्रतिवादियों को सात नवंबर तक जवाब पेश करने के आदेश जारी किए। प्रार्थी ने उक्त मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सचिन रघु, राजिंद्र धीमान, हरीश शर्मा, प्रवीण चौहान, रणजीत सिंह, अविनाश चंद्र, प्रकाश चंद राणा, विवेक शर्मा, पंकज शर्मा, डा. अबीरा बासु व राजेश चौहान को निजी तौर पर प्रतिवादी बनाया है। प्रार्थी के अनुसार 7 जून, 2002 को प्रार्थी ने हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा को उत्तीर्ण करने के पश्चात बतौर अधीनस्थ जज ज्वाइन किया थ
प्रार्थी को 23 सितंबर, 2011 को सिविल जज सीनियर डिविजन के तौर पर पदोन्नत किया गया। 8 सितंबर, 2014 को प्रार्थी की सेवाओं को नियमित किया गया व ग्रेडेशन लिस्ट जारी की गई जिसमें प्रार्थी को उपरोक्त प्रतिवादियों से पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने की तारीख से वरिष्ठता देते हुए जूनियर दर्शाया गया। जबकि प्रार्थी के अनुसार 28 नवंबर, 2018 को कुछ अन्य न्यायिक अधिकारियों को सीनियर सिविल जज के पद पर पदोन्नत किया गया और उन्हें वरिष्ठता पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने की तारीख की बजाय सेवा में एंट्री ग्रेड से दी गई। प्रार्थी ने मांग की है कि उसे भी इन न्यायिक अधिकारियों की तरह पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने की तारीख की बजाय वरिष्ठता सेवा में एंट्री ग्रेड से दी जाए और निजी तौर पर बनाए गए प्रतिवादियों से वरिष्ठ दर्शाया जाए। मामले पर सुनवाई सात नवंबर को होगी।