केंद्रीय मंत्री शेखावत को वॉयस सैंपल देने के संबंध में यह नोटिस दिया गया है। एसीबी ने 16 जून को दिल्ली में शेखावत को नोटिस तामिल करा दिया है।
दो साल पहले राजस्थान सरकार पर आए सियासी संकट के मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को कोर्ट का नोटिस जारी किया है। इस नोटिस के बाद से माना जा रहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार भाजपा नेता पर शिकंजा कसना चहा रही है।
केंद्रीय मंत्री शेखावत को वॉयस सैंपल देने के संबंध में यह नोटिस दिया गया है। एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) ने 16 जून को दिल्ली में शेखावत को नोटिस तामिल करा दिया है। मामले में अगली सुनवाई अगले महीने जुलाई के पहले सप्ताह में होनी है।
जानकारी के अनुसार एसीबी ने जयपुर महानगर के अधीनस्थ न्यायालय में कहा कि, आरोपी संजय जैन ने पूछताछ में उसकी और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह की फोन पर बात होने की बात कबूल की थी। इसका एक ऑडियो भी है। इसी अधार पर एसीबी ने वॉयस सैंपल लेने की मांग की थी। हालांकि, अदालत ने एसीबी की इस मांग को खारिज कर दिया था। इस मांग को लेकर एसीबी ने दोबारा से प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। इसके बाद अलालत ने केंद्रीय मंत्री शेखावत का पथ जानने के लिए उन्हें नोटिस जारी किया है।
बतादें कि 2020 में राजस्थान सरकार के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बगावत कर दी थी। उनके साथ कई विधायकों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इस सियासी घमासान के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर सरकार गिराने के आरोप लगाए थे। इसके बाद 10 जून को विधानसभा में तत्कालीन सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर एसीबी को शिकायत दी थी। 17 जुलाई एसीबी ने मामले में केस दर्ज भी कर लिया था। हाल में सीएम गहलोत ने इस मामले में कार्रवाई नहीं होने को लेकर एसीबी पर सवाल उठाए थे। इसके बाद एसीबी अधिकारियों ने इसे लेकर एक बार फिर प्रक्रिया शुरू की थी।