नई दिल्ली. भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने मंगलवार को कहा कि उसने सेवानिवृत्ति (रिटायरमेंट) के समय एनपीएस (नेशनल पेंशन स्कीम) राशि में से पेंशन प्राप्त करने के लिए एक अलग फॉर्म जमा करने की जरूरत को खत्म कर दिया है. इरडा ने कहा कि इस फैसले का मकसद बीमा उद्योग में कारोबार को आसान बनाना और पॉलिसीधारकों के हितों की रक्षा करना है.
नियामक ने एक सर्कुलर जारी कर इसकी जानकारी दी है. अभी तक एनपीएस में शामिल सेवानिवृत्त लोगों को पेंशन फंड रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) के पास एक निकासी फॉर्म और बीमा कंपनियों के पास एक प्रस्ताव फॉर्म जमा करना होता था. इरडा ने कहा कि अब एनपीएस के निकासी फॉर्म को पेंशन खरीदने के लिए प्रस्ताव फॉर्म के रूप में माना जाएगा. इससे वरिष्ठ नागरिकों के साथ ही बीमा कंपनियों को सुविधा होगी.
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कौन देता है पेंशन
बीमा कंपनियां ही पेंशन सर्विस प्रोवाइडर्स हैं. इन्हें बीमा नियामक द्वारा रेग्युलेट किया जाता है. पीएफआरडीए ने इन्हें सूचीबद्ध किया हुआ है. ये कंपनियों एनपीएस ग्राहकों को उनके द्वारा जमा की गईराशि के आधार पर पेंशन देती हैं. एनपीएस के तहत पीएफआरडीए के पेंशन फंड को संभालने वाले मैनेजर्स हैं. वे अपने विवेक के अनुसार इस फंड को अलग-अलग विकल्पों में निवेश करते हैं. पीएफआरडीए के नियमों के अनुसार, सदस्यों को अपनी संचित पेंशन राशि का कम-से-कम 40 प्रतिशत हिस्सा मंथली पेंशन प्रोडक्ट खरीदने के लिए इस्तेमाल करना होगा. इसके अलावा शेष राशि एकमुश्त ली जा सकती है.
क्या है एनपीएस
यह एक दीर्घकालिक निवेश योजना है जिसे केंद्र सरकार संरक्षण प्राप्त है. इसमें लोगों को निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाता है ताकि उन्हें रिटायरमेंट के बाद एक अच्छी पेंशन और एकमुश्त अमाउंट मिल सके. इस योजना में केवल सशस्त्र बल निवेश नहीं कर सकते हैं. बात करें रिटर्न की तो ये मार्केट लिंक्ड स्कीम है इसलिए इसमें रिटर्न बदलता है रहता है लेकिन औसतन इसमें 8-10 फीसदी का वार्षिक रिटर्न निवेशकों को मिल जाता है. आप इसमें निवेश के जरिए टैक्स में छूट भी प्राप्त कर सकते हैं. इसमें आप 50 साल की उम्र तक निवेश शुरू कर सकते हैं. एनपीएस आपकी 60 वर्ष की आयु में मैच्योर होता है.