पूर्व में रही भाजपा सरकार से मिड डे मील वर्कर ने 10 महीने के बजाय पूरे 12 महीने वेतन देने की मांग रखी थी। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मिड डे मील वर्करों की इस मांग को अनसुना कर दिया था। जबकि हाईकोर्ट ने मिड डे मील वर्कर को 12 महीने वेतन देने का फैसला सुनाया था। इस फैसले को अब प्रदेश कांग्रेस सरकार लागू करें और मिड डे मील वर्कर को पूरे 12 महीने वेतन दे।
यह मांग शुक्रवार को सीटू के बैनर तले धरना प्रदर्शन के दौरान मिड डे मील वर्कर ने उठाई है। वहीं इस दौरान सीटू ने मिड डे मील वर्कर की छंटनी पर भी प्रदेश सरकार को घेरा। सीटू का कहना है कि मिड डे मील वर्कर्स पिछले 20-20 सालों से स्कूलों में दोपहर भोजन बनाने का काम कर रहे है।
अब स्कूलों में बच्चों के कम संख्या होने व स्कूल बंद करने के कारण उन्हें हटाया जा रहा है। सीटू ने इसका विरोध करते हुए मिड डे मील वर्कर की छंटनी को रोकने और उन्हें विभाग में ही मर्ज करने के लिए नीति बनाने की मांग उठाई है।
सीटू जिला प्रधान भूपेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार मिड डे मील वर्कर को 10 महीने के बजाय 12 महीने का वेतन दे। उन्होंने कहा कि मिड डे मील वर्कर बिना किसी छुट्टी के लगातार अपनी सेवाएं दे रही है।
हैरानी की बात है कि विभाग द्वारा मिड डे मील वर्कर को तीन चार महीने बाद वेतन दिया जा रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मिड डे मील वर्करों को आंगनवाड़ी वर्करों की तरह साल में 20 छुट्टियां, वर्दी व साथ हरियाणा की तर्ज पर वेतन देने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि मिड डे मील वर्करों को भी विभागीय कर्मचारी बनाने के लिए सरकार पॉलिसी बनाएं।