सऊदी अरब (Saudi Arabia) के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (Crown Prince Mohammed Bin Salman) ने देश की छवि बदलने के लिए महिलाओं के लिए नियमों को लचीला करना शुरू किया है। बहुत सी चीजें बदली हैं तो बहुत सी चीजों को अभी बदलना है। लेकिन इन सबके बीच ही सऊदी अरब में महिला पोल डांसर्स की खबरें काफी तेजी से वायरल हो रही हैं।
रियाद: सऊदी अरब, दुनिया का वह देश जो महिलाओं के लिए बने सख्त नियमों के लिए मशहूर है। लेकिन अब यहां हालात बदल रहे हैं। क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) की तरफ से चलाए गए सुधार कार्यक्रमों ने महिलाओं को कुछ बातों में आजादी देनी शुरू की है। लेकिन अगर आपको यह पता लगे कि सऊदी अरब की महिलाएं अब पोल डांसर भी बन रही हैं तो आपको भी यकीन नहीं होगा। योगा इंस्ट्रक्टर नादा इसका नया उदाहरण हैं जिन्होंने पोल डासिंग को अपनाया है। भले ही सऊदी सोसायटी में बदलाव हो रहा हो मगर कुछ बातों में यह अभी तक रूढ़िवादी है। नादा को भी इसका सामना करना पड़ा था।
अमेरिका से आई आर्ट
पोल डासिंग को अमेरिका से आई आर्ट माना जाता है। इसमें एक पोल यानी खंबे के इर्द-गिर्द डांस किया जाता है। कई अमेरिकी प्रांतों में स्ट्रिप क्लब में इस डांस को तरजीह दी जाती है। इसे कुछ लोग काफी सेक्सुअल करार देते हैं। रियाद की नादा को उनके परिवार और दोस्तों ने इस एक्सरसाइज को न करने की सलाह दी। उनका कहना था कि ये डांस उनके लिए सही नहीं है और उन्हें इससे दूर ही रहना चाहिए। कुछ साल पहले नादा ने एक लोकल जिम में इस डांस के लिए एडमिशन लिया था।
28 साल की नाडा को लगता है कि अब उन्होंने इसमें काफी तरक्की कर ली है। नाडा के दोस्त अब उनकी काफी तारीफ करते हैं। पहले उन्होंने नादा के पोल डांस को गलत बताया था। लेकिन अब वो भी इसमें हाथ आजमाना चाहते हैं। हालांकि नाडा को लगता है कि उन्हें और सऊदी अरब के बाकी पोल डांसर्स को काफी कुछ सीखना है। उनका कहना है कि उन्हें इस डांस को करने में जरा भी शर्म नहीं है।
तीन जिम में कोर्स
सऊदी अरब में ही कम से कम तीन ऐसे जिम खुले हैं जहां पर पोल डांसिंग का कोर्स करवाया जा रहा है। इसी तरह के एक जिम की मालिक माय अल-युसूफ को लगता है कि पोल डासिंग पर कई लोगों को ध्यान जा रहा है क्योंकि यह नया है और लड़कियों को काफी पसंद आ रहा है। पोल डांस को पसंद करने वालों की तरफ से कहा जा रहा है कि देश में शराब पर प्रतिबंध है और ऐसे में कोई भी स्ट्रिप क्लब नहीं है। ऐसे में इस तरह की एक्टिविटीज काफी आकर्षित करने वाली हैं।
रियाद की एक पोल डासिंग स्टूडेंट की मानें तो उसे इस नए डांस फॉर्म को आजमाने में कोई समस्या नहीं है। इस डांसर की मानें तो यह उसकी पर्सनाल्टी है। उन्हें अपनी सेंसुअैलिटी को गले लगाने में कोई शर्म नहीं आती है। उनकी मानें तो जब तक वह किसी को चोट नहीं पहुंचा रही हैं, उन्हें किसी तरह की कोई शर्म नहीं है।
ताकत है बहुत जरूरी
वह इस बात को भी मानती हैं कि हर कोई इसमें सहज महसूस नहीं करेगा। वह खुद भी अपना नाम सार्वजनिक करने से बचती रहीं। उन्होंने पोल डांस काफी पहले बंद कर दिया था। उनका कहना था कि स्क्रीन पर यह जितना अच्छा दिखता है, असल जिंदगी में इसे करना उतना ही चैलेंजिंग है। अंत में उन्होंने हारकर इससे तौबा कर ली। जिम मैनेजर युसूफ की मानें तो पोल डासिंग में शारीरिक क्षमता बहुत ही मायने रखती है। इसे करने के लिए काफी ताकत की जरूरत है।