रूस और यूक्रेन की जंग में अब इजरायल और ईरान आमने-सामने, जानिए क्‍या है यह सारा मामला

पिछले दिनों खबरें आई थीं कि रूस और यूक्रेन की जंग (Russia-Ukraine War) में रूस की मिलिट्री ईरान (Iran) के बने ड्रोन का प्रयोग कीव (Kyiv) में हमलों के लिए कर रही है। अब जो ताजा खबरें आ रही हैं, उन पर अगर यकीन करें तो इजरायल (Israel) की तरफ से यूक्रेन को इन ड्रोन के बारे में इंटेलीजेंस मुहैया कराई जा रही है।

तेल अवीव: ईरान और इजरायल की दुश्‍मनी के बारे में तो दुनिया जानती है। अब लगता है कि इस दुश्‍मनी का खामियाजा रूस की सेनाओं को भुगतना पड़ेगा। इजरायल की तरफ से यूक्रेन को वो इंटेलीजेंस भी मिल रही है जिसमें रूस की सेना ईरान के ड्रोन को कहां पर कैसे प्रयोग करेगी, इसकी जानकारी है। यूक्रेन के राष्‍ट्रपति वालोदिमीर जेलेंस्‍की की मानें तो ऐसे दावे किए जा रहे हैं कि यूक्रेन में कोई भी ईरानी ड्रोन नहीं है। लेकिन फिर भी वह इस बात को सुनिश्चित करके रहेंगे कि कोई भी ड्रोन यूकेन की सीमा में न रह जाए।

यूक्रेन को इंटेलीजेंस मदद
रूस की सेनाएं अगस्‍त के महीने से ही यूक्रेन में ईरान के ड्रोन का प्रयोग कर रही हैं। यूक्रेन, अमेरिका और यूके के अधिकारियों की तरफ से अलग-अलग मौकों पर यह बात कही गई है। पिछले दिनों जब कीव में हमले शुरू हुए तो एक बार फिर यह बात सामने आई कि यूक्रेन में ईरान का बना ड्रोन शाहिद–136 रूस की सेना का मददगार बना हुआ है।

इस ड्रोन को सुसाइड ड्रोन भी कहते हैं। लेकिन इस ड्रोन का एक्‍सेस काफी सीमित है। न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स की एक रिपोर्ट में एक सीनियर अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि एक प्राइवेट फर्म यूक्रेन को ऐसी सैटेलाइट तस्‍वीरें मुहैया करा रही है जिसमें रूस के सैनिकों की स्थिति के बारे में पता लग रहा है।

ड्रोन की जानकारी
यूके के रक्षा मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि ये ड्रोन बहुत नीचे उड़ता है और ऐसे में किसी भी एयरक्राफ्ट के लिए इसे ढेर करना काफी आसान है। लेकिन साथ ही रक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस बात की संभावना बहुत ज्‍यादा है कि रूस को इन ड्रोन की मदद से कई जगहों पर हमले करने में सफलता मिली हो। शाहीद-136 ड्रोन का पता लगा पाना भी काफी मुश्किल है।

यह ड्रोन बहुत नीचे उड़ता है लेकिन इससे शोर काफी ज्‍यादा होता है। इस ड्रोन से बिल्‍कुल किसी आरा मशीन या खराब स्‍कूटर का साउंड आता है। यानी इन्‍हें काफी दूर से सुना जा सकता है। इनकी प्रभावशीलता काफी कम है लेकिन बस एक जगह की आबादी को डराने के लिए इनका प्रयोग होता है।

ईरान और यूक्रेन में टेंशन
यूक्रेन और ईरान के बीच ड्रोन को लेकर राजनयिक तनाव बना हुआ है। ईरान ने कीव में राजदूत को वापस बुला लिया और दूतावास में अधिकारियों की संख्‍या कम कर दी है। ईरान और रूस के अधिकारियों की तरफ से इस बात से इनकार कर दिया गया है कि रूसी सेना ने ईरान के ड्रोन का सहारा लिया है। छह अक्‍टूबर को यूक्रेनी राष्‍ट्रपति जेलेंस्‍की ने इन दावों का मजाक उड़ाया था। उन्‍होंने कहा था कि लोगों ने उन्‍हें उड़ते हुए देखा है और यूक्रेन की मिलिट्री ने उन्‍हें ढेर कर दिया है।

दावा किया जा रहा है कि ईरान का कोई ड्रोन यूक्रेन में नहीं है। यूक्रेन की मिलिट्री का दावा है कि उसने बहुत सारे शाहीद-136 ड्रोन को गिराया है जिन्‍हें रूस ने भेजा था। मिलिट्री की मानें तो 86 ऐसे ड्रोन वाले बेड़े में 60 फीसदी ड्रोन्‍स को गिरा दिया गया है।

यूक्रेन का मददगार इजरायल
27 जुलाई को इजरायल की तरफ से यूक्रेन को भारी खाद्य मदद भेजी गई थी। 14 जुलाई को इजरायल के रक्षा मंत्रालय ने 1500 हेलमेट्स, 1500 प्रोटेक्टिव शील्‍ड, सैंकड़ों माइन प्रोटेक्‍शन सूट, 1000 गैस मास्‍क और एक दर्जन हजमत सिस्‍टम भेजे थे। इजरायल ने इसके अलावा 2000 हेलमेट्स और 500 फ्लैक जैकेट्स असैन्‍य मदद के तौर पर भेजे थे।

रूस से परेशान इजरायल
इजरायल, सीरिया में चलाए जा रहे रूस के ऑपरेशन पर कई बार चिंता जता चुका है। साथ ही उसने ईरान के मिलिट्री संसाधनों को तबाह करने के लिए कई बार सीरिया में हवाई ऑपरेशन चलाया है। सीरिया की सेनाओं के साथ मिलकर इजरायल ने ये ऑपरेशंस चलाए हैं। इसलिए वह यूक्रेन में जारी जंग को लेकर भी खासा परेशान है।