हमीरपुर,09 अक्टूबर : वानिकी महाविद्यालय नेरी और विश्वविद्यालय (University Nauni) नौणी के सौजन्य से अब प्रदेश में भी ड्रैगन फुट उगेगा। लोग हिमाचल प्रदेश में उगने वाले ड्रैगन फ्रूट का स्वाद चख सकेंगे।
ट्रायल के आधार पर सफलता मिलने के बाद अब मेरी महाविद्यालय और डॉ. वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के फल विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों ने एक विजनरी प्रोजेक्ट (visionary project) केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए भेजा ह। जैसे ही इसकी मंजूरी मिलती है, प्रदेश स्तर पर वैज्ञानिकों की टीम इस पर कार्य शुरू कर देगी।
ड्रैगन फूट के प्रोजेक्ट में महाविद्यालय नेरी के फल विज्ञान के वरिष्ठ वैज्ञानिक मुख्य भूमिका में रहेंगे। मेरी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. सोमदेव शर्मा ने कहा कि ड्रैगन फ्रूट (dragon fruit) पौष्टिक होने के साथ औषधीय गुणों से भरपूर है। समुद्र तल से 900 मोटर के करीब ऊंचाई वाले क्षेत्रों में की बंजर भूमि ड्रैगन फ्रूट की अच्छी पैदावार हो किया जाएगा।
यह पौधा चार से पांच फीट की ऊंचाई तक का होता है। इसमें शुरुआती दौर में लाल रंग का फूल लगता है, जो कि बाद में फल का रूप ले लेता है। इसकी मुख्यतः तीन किस्में होती हैं। पहली किस्म के पौधे में लगने वाला फल अंदर और बाहर से लाल रंग का होता है। दूसरी किस्म बाहर से लाल और अंदर से सफेद होती है। तीसरी किस्म का फल अंदर से सफेद और बाहर से पीला होता है।
फ्रूट के औषधीय गुण
ड्रैगन फुट का वैज्ञानिक नाम हिलोसेरस अंडस है। ईंगन फ्रूट एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता रुमेटाइड अर्थराइटिस से पीड़ित लोगों के लिए ड्रैगन फ्रूट किसी औषधि से कम नहीं है। इसमें इम्यूनिटी बूस्टर के अलावा इसमें फ्लेवोनॉयड, फेनोलिक एसिड, एस्कॉर्बिक एसिड और फाइबर होता है। यह सभी तत्व ब्लड शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।