मेट्रो ट्रेन की तरह खुलेंगे अब शताब्दी के भी दरवाजे, इस रूट की ट्रेन में शुरू हो गया यह सिस्टम

चलती ट्रेन में उतरने-चढ़ने की वजह से होने वाले हादसों पर अब कुछ रोक लग सकेगी क्योंकि शताब्दी ट्रेनों में ऑटोमेटिक डोर सिस्टम लगाने की तैयारी हो चुकी है। दिल्ली से कालका जाने वाली शताब्दी 12005 में ऑटोमेटिक डोर लॉकिंग सिस्टम की सुविधा शुरू कर दी गई है और अब मेट्रो की तरह ही ट्रेन में दरवाजे ऑटोमेटिक रूप से खुलेंगे।

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सांकेतिक तस्वीर

संवाददाता, नई दिल्लीः मेट्रो ट्रेनों की तर्ज पर अब शताब्दी ट्रेन के दरवाजे भी ऑटोमेटिक खुलेंगे। रेलवे प्रशासन ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। दिल्ली से कालका जाने वाली शताब्दी 12005 में ऑटोमेटिक डोर लॉकिंग सिस्टम की सुविधा शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है कि इस सिस्टम के लगने से चलती ट्रेन में चढ़ने व उतरने के दौरान होने वाले हादसे पर अंकुश लगेगा। रेलवे बोर्ड के एक सूत्र के मुताबिक, शताब्दी के तीन ट्रेन में पायलट प्रोजेक्ट के तहत ऑटोमेटिक डोर लगाने के निर्देश दिए गए हैं। अगर ऑटोमेटिक डोर सिस्टम सफल रहा तो बाकी अन्य ट्रेनों में भी यह सिस्टम लगाया जाएगा।
करीब दो हफ्ते पहले दिल्ली से कालका जाने वाली ट्रेन 12005 में ऑटोमेटिक डोर सिस्टम लगाया गया है। इसके बाद चंडीगढ़ से दिल्ली जाने वाली शताब्दी 12045 और निजामुद्दीन से झांसी जाने वाली गतिमान एक्सप्रेस 12049/50 में ऑटोमेटिक डोर सिस्टम लगाने का चयन किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, करीब एक हफ्ते के अंदर रेलवे स्टेशन पर शताब्दी ट्रेन के दरवाजे ऑटोमेटिक ही खुलेंगे। यह सिस्टम शुरू होने के बाद गेट पर बैठकर कोई यात्री सफर नहीं कर सकेगा। साथ ही ऑटोमेटिक दरवाजा बंद होने की वजह से कोच साफ-सुथरा भी रहेगा।

स्टेशन पर खुलेंगे दरवाजे
ट्रेन में ऑटोमेटिक डोर सिस्टम लगाने के बाद दरवाजे स्टेशन पर ही खुलेंगे। साथ ही जब दरवाजा बंद हो जाएगा तभी स्टेशन से ट्रेन रवाना होगी। साथ ही जिस तरफ प्लेटफॉर्म होगा। कोच के दरवाजे उसी तरफ ही खुलेंगे। जिससे कोई अन्य व्यक्ति गुपचुप तरीके से ट्रेन में प्रवेश नहीं कर पाएगा। इसके अलावा, चेन पुलिंग के मामले भी कम होंगे और चोरी के मामले भी थमेंगे।