अब आतंकियों के हाथ नहीं लगेगी सेना की नई यूनिफार्म, मिसयूज रोकने के लिए बना नया सिस्टम, पढ़ें रिपोर्ट

आर्मी की नई कॉम्बेट यूनिफॉर्म अब ओपन मार्केट में नहीं मिलेगी. (फाइल फोटो)

आर्मी की नई कॉम्बेट यूनिफॉर्म अब ओपन मार्केट में नहीं मिलेगी

नई दिल्ली. भारतीय सेना की नई कॉम्बेट यूनिफॉर्म आंतकवादियों के पास न पहुंचे इसके लिए उनके यूनिफॉर्म को जारी करने का एक नया सिस्टम बनाया गया है. यह नया सिस्टम तब लाया गया है जब जम्मू-कश्मीर में हुए मुठभेड़ के दौरान मारे गए अधिकतर आतंकी भारतीय सेना के वर्दी में पाए गए थे.

जानकारी के मुताबिक सेना की नई यूनिफार्म अब बाजारों में नही मिलेगी. इस नए यूनिफॉर्म को पेटेंट करने को लेकर इंटेलैक्चुयल प्रोपट्री राईट्स (आईपीआर) के तहत पहले ही आवेदन दिया जा चुका है. दरअसल, सैनिकों की वर्दी पहले बाजार में खुलेआम मिल जाती थी, जिससे आतंकियों के हाथ यह आसानी से लग जाती थी.लेकिन अब ऐसा न हो इसके लिए जम्मू कश्मीर में सेना की छावनियों या कैंपो के बाहर पजींकृजत दुकानदारों को सेना पुलिस जागरूक कर रही है.

नगरोटा सेना की ओर से कैंप के बाहर दर्जी और सभी दुकानदारों को समझाया जा रहा है कि अब नई वर्दी के पैटर्न को न ही बेचा जाएगा और न ही सिलाई की जाएगी ऐसा तब तक रहेगा जब तक उन्हें आदेश नहीं दिया जाएगा. दुकानदारों ने न्यूज 18 से बातचीत में बताया कि वह 20 साल से यूनिफॉर्म को बेचने और सिलाई करने का काम कर रहें है और इनके पास इस कार्य के लिए लाइसेंस भी है. विक्रेताओं ने कहा कि हम भी चाहते हैं कि इस वर्दी का गलत इस्तेमाल अब न हो.

जम्मू के नगरोटा में छावनी सहित ओपन मार्केट में सैन्य साजो सामान बेचने वाले दुकानदारों और टेलर को नई यूनिफॉर्म को खरीदने और बेचने के साथ उससे जुड़े संवेदनशीलताओं की जानकारी देना शुरू हो गई है. सेना की मिलट्री पुलिस नई यूनिफॉर्म के सैंपल के साथ अलग-अलग जगह जाकर लोगों को सतर्क कर रही है. जानकारी के मुताबिक सेना में करीब 11 लाख सैनिक हैं जिन्हे आने वाले समय में ये नई यूनिफॉर्म दी जाएगी.

इंडियन आर्मी की यह नई यूनिफॉर्म डिजिटल पेट्रन पर तैयार की गई है. सेना पुलिस के जवान दुकानों पर जाकर सिलाई करने वाले दर्जी और कपड़े बेचने वाले दुकानदारों को हिदायत दे रही हैं की अगर कोई ऐसी वर्दी सिलवाने या उसकी मांग करने आए तो सेना के नंबरों और नजदीकी पुलिस स्टेशन में तुरंत शिकायत दर्ज करवाएं. सेना पुलिस के जवान लगातार इस जागरूक अभियान को चला रहे हैं खासकर जम्मू-कश्मीर में जहां आए दिन सीमा पार से आतंकी घुसपैठ करने की कोशिश करते हैं.