पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा पेपर लीक मामले में अब उन पुलिस अफसरों की भी जांच होगी, जो परीक्षा संचालन में शामिल थे। तहकीकात के लिए हिमाचल प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने मंगलवार को बोर्ड भी गठित कर दिया है।
हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा पेपर लीक मामले में अब उन पुलिस अफसरों की भी जांच होगी, जो परीक्षा संचालन में शामिल थे। पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) इन अफसरों के खिलाफ छानबीन करेगी, जबकि इसकी तहकीकात के लिए हिमाचल प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने मंगलवार को बोर्ड भी गठित कर दिया है। गठित किए गए बोर्ड में आईजी (सीटीएस), डीआईजी (पीटीसी) और उप नियंत्रक (वित्त और लेखा) को शामिल किया है। अगर परीक्षा संचालन में अधिकारियों की लापरवाही और संलिप्तता पाई जाती है तो इनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। इस मामले में तीन एफआईआर दर्ज हैं। इनमें एक कांगड़ा के गगल थाने में, एक सीआईडी भराड़ी थाना, शिमला और एक सोलन थाने में दर्ज है।
पुलिस जांच टीम ने खुलासा किया है कि पेपर लीक मामले में 10 राज्यों की गैंग संलिप्त है। अब तक 116 अभ्यर्थियों समेत 171 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। दूसरी बार हुई परीक्षा में आरोपी अभ्यर्थियों को बैठने नहीं दिया गया है। हाल ही में एसआईटी ने कांगड़ा कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ पहली चार्जशीट पेश की है। पुलिस विभाग का मानना है कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। इसमें अधिकारियों की संलिप्तता के एंगल की भी जांच होनी है। अभी तक मामले में एक और आरोपी राजस्थान में छिपा संदीप टेलर पुलिस की पकड़ से बाहर है। तीन बार दबिश देने के बाद भी वह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है। आरोप है कि इसने जिला सोलन में पेपर लीक कराया था। आरोपी ने अभ्यर्थियों से मिला पैसा अपनी पत्नी के खाते में भी जमा कराया है।