हिमाचल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होते ही 2 माह में प्रदेश में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के कुशल नेतृत्व में सुख की सरकार प्रदेश की जनता के लिए वरदान साबित हो रही है। यह बात स्टेट डाटा एनालिटिक्स के संयोजक मुकेश शर्मा अधिवक्ता और सोलन शहरी अध्यक्ष अंकुश सूद ने कही। उन्होंने बताया की सुक्खू सरकार ने सत्ता में आते ही निर्णायक जनहितैषी फैसले लिए जिस से प्रदेश की जनता बहुत खुश है ,जनता लिए 6 बड़े फैसले लिए जो स्वागत योग्य है और सीधे तौर पर जन कल्याणकारी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही अपने पहले मंत्रिमंडल में 20 साल बाद पुरानी पेंशन को बहाल करने का निर्णय लिया। इससे प्रदेश के 1.36 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा, जिसको लेकर जल्द एस.ओ. पी. जारी की जाएगी। सरकार का दूसरा बड़ा कसला निराश्रितों के लिए 101 करोड़ रुपए के सुख आश्रय कोष की स्थापना करना है। सरकार का तीसरा बड़ा फैसला जनता से सीधे जुड़े अधिकारियों के ऊपर अपने क्षेत्राधिकार में भूमि खरीद व संपत्ति अर्जित करने पर रोक लगाना है। राज्य सरकार का चौथा बड़ा फैसला वर्ष 2025 तक हिमाचल प्रदेश को हरित राज्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ना है।
स्टेट डाटा एनालिटिक्स के संयोजक मुकेश शर्मा अधिवक्ता और सोलन शहरी अध्यक्ष अंकुश सूद ने कहा कि अब प्रदेश में पलटू सरकार नहीं बल्कि सुख की सरकार चल रही है। सुख की सरकार में व्यवस्था परिवर्तन होते हुए दिख रहा है। जो निर्णय प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा लिए जा रहे है वह पत्थर पर लकीर की तरह साबित हो रहे है। जिसकी वजह से आम जनता का विश्वास भी सरकार पर बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि गरीबी से उठा नेता ही गरीब की भावनाओं और तकलीफों को जानता है इस लिए जो निर्णय दो माह में लिए गए है वह भाजपा पांच वर्षों में भी ले नहीं पाई।