हिमाचल प्रदेश में अब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सिफारिश पर ही डॉक्टरों और नर्सों के तबादले होंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय ने तबादलों की फाइलें पेंडिंग में डाल दी हैं। हिमाचल में स्वास्थ्य सुविधाएं सुदृढ़ करने के लिए जहां डॉक्टरों की तैनाती की गई है, उन्हें वहीं सेवाएं देनी होंगी। विशेष परिस्थितियों में तबादले के लिए भी मुख्यमंत्री को विश्वास में लेना अनिवार्य होगा। प्रदेश सरकार ने पहले ही हिमाचल में तबादलों पर रोक लगाई है। डॉक्टर, नर्सें और फामासिस्ट अपने विधानसभा क्षेत्रों के मंत्री, विधायकों और नेताओं को विश्वास में लेते हुए मनपसंद और घर के नजदीक सेवाएं देने के लिए डीओ नोट ले रहे हैं।
इस तरह की दर्जनों फाइलें सचिवालय में पहुंची हैं। यही नहीं, नई नियुक्तियां करने पर डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ नजदीक के स्टेशन की मांग कर रहे हैं। सरकार ने फैसला लिया है कि डॉक्टरों और नर्सों की जिन संस्थानों और स्वास्थ्य केंद्रों में ड्यूटी लगाई गई है, उन्हें वहीं सेवाएं देनी होंगी। विभाग ने मेडिकल कॉलेजों और जोनल अस्पतालों से तबादलों और समायोजन के लिए आईं फाइलें लौटानी शुरू कर दी हैं। उधर, प्रधान सचिव स्वास्थ्य सुभाशीष पांडा ने कहा कि तबादलों पर रोक लगाई गई है। विशेष परिस्थितियों और मुख्यमंत्री संस्तुति पर ही तबादले किए जा रहे हैं।