अभी अमेरिका और पाकिस्तान (US-Pakistan) के बीच एफ-16 (F-16) की डील का मसला ठंडा भी नहीं हुआ था कि अब एक और नये मामले ने इनके मजबूत रिश्तों की गवाही दे दी है। हाल ही में अमेरिकी तटरक्षक बल (US Coast Guard) के जहाज पाकिस्तान पहुंचे थे। इस बारे में खुद अमेरिकी नौसेना (US Navy) की तरफ से बयान जारी किया गया है।
कराची: अमेरिका और पाकिस्तान के समीकरण दिन पर दिन बदलते जा रहे हैं। पहले एफ-16 की डील और कश्मीर मसले पर अमेरिका की जो बाइडेन सरकार ने भारत को झटका दिया और अब अमेरिकी तटरक्षक बल (कोस्ट गार्ड) के दो जहाज पाकिस्तान पहुंचे। तटरक्षक बल के दो जहाज छह से नौ अक्टूबर तक कराची में थे। इन जहाजों का कराची पहुंचना यह बताने के लिए काफी है कि पाकिस्तान के साथ रिश्ते किस कदर मजबूत हो रहे हैं। अमेरिकी नौसेना की सेंट्रल कमांड की तरफ से बयान जारी कर इन जहाजों के पाकिस्तान पहुंचने की जानकारी दी गई है। यह जहाज पिछले दिनों ऐसे समय में पहुंचे जब पाकिस्तान सेना के मुखिया जनरल कमर जावेद बाजवा अपना अमेरिकी दौरा करके लौटे थे
जहाजों के पहुंचने की वजह
सेंट्रल कमांड की तरफ से बताया गया है कि कोस्ट गार्ड के जहाज यूएससीजीसी चार्ल्स माउलथोर्प और यूएससीजीसी एमीन टनेल कराची गए थे। ये दोनों ही जहाज तटरक्षक बल के पांचवें बेड़े का हिस्सा हैं। नौसेना ने बताया है कि मध्य पूर्व में तटीय स्थिरता और सुरक्षा का जायजा लेने के लिए इन जहाजों को कराची भेजा गया था।
अमेरिकी नौसेना का पांचवां बेड़ा मिडिल ईस्ट में अमेरिका की मौजूदगी के लिए काफी जरूरी है। अरब की खाड़ी, ओमान की खाड़ी के अलावा लाल सागर और हिंद महासागर का एक हिस्सा मिडिल ईस्ट में आता है। यह क्षेत्र 25 लाख स्क्वॉयर मील तक फैला हुआ है और इतने हिस्से में पांचवें बेड़ा कमान संभाले हुए है। इस क्षेत्र में 21 देश आते हैं और तीन अहम जल मार्ग हैं जिनमें स्वेज नहर, होरमुज का जलडमरूमध्य और यमन का बाब अल मंडेब की जलडमरूमध्य भी इसी हिस्से में पड़ता है।
अमेरिकी नौसेना है खुश
अमेरिकी नौसेना ने अपने बयान में कहा, ‘पाकिस्तान का दौरा करके हम काफी खुश हैं क्योंकि इस गतिशील क्षेत्र में हमारे रिश्ते बन रहे हैं।’ दक्षिण पश्चिम एशिया में गश्ती सेनाओं की जिम्मेदारी संभाल रहे अमेरिकी कोस्ट गार्ड के कैप्टन एरिक हेलगेन की मानें तो यह हालिया दौरा यह बताता है कि पाकिस्तान की नौसेना और अमेरिकी नौसेना के पांचवें बेड़े के बीच कितना करीबी रिश्ता है। उनकी मानें तो यह संबंध आने वाले दिनों में और मजबूत होंगे। अमेरिकी कोस्ट गार्ड के सदस्यों ने कराची में पाकिस्तान नौसेना के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। दोनों के बीच तटीय सुरक्षा से जुड़े मसलों पर भी काफी देर तक चर्चा हुई।
भारत का विरोध
पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान और अमेरिका के बीच कई ऐसी बातें हुई हैं जो यह बताने के लिए काफी हैं कि व्हाइट हाउस पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को मदद देने के लिए तैयार है। भारत के बावजूद पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार को अमेरिका से समर्थन मिल रहा है। हाल ही में पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लिए आजाद जम्मू कश्मीर का प्रयोग किया था। सात अक्टूबर को भारत की तरफ से ब्लोम के पीओके दौरे का विरोध भी किया गया था।
बेवकूफ बनाता अमेरिका
इस घटना से पहले सितंबर में अमेरिका की तरफ से पाकिस्तान को एफ-16 के लिए 450 मिलियन डॉलर का पैकेज देने का ऐलान किया गया। बाइडेन प्रशासन की मानें तो यह पैकेज काउंटर-टेररिज्म ऑपरेशंस के लिए काफी जरूरी है। भारत की तरफ से इस अमेरिकी तर्क का विरोध किया गया था। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि अमेरिका अपने इस तर्क से किसे बेवकूफ बना रहा है, किसी को नहीं मालूम।