एडीजी ट्रैफिक और सड़क सुरक्षा अशोक कुमार सिंह ने बताया कि वाहन का चालान होने पर चौराहों के ट्रैफिक पुलिस बूथ पर पोस मशीन के जरिए डेबिट कार्ड अथवा क्यूआर कोड स्कैन करके भी चालान का डिजिटल पेमेंट किया जा सकेगा।
यातायात पुलिस को हाईटेक बनाने की दिशा में ट्रैफिक निदेशालय ने एक कदम और आगे बढ़ाया है। इसके तहत अब वाहनों के चालान की रकम के लिए पोस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीन से मौके पर ही डिजिटल भुगतान की व्यवस्था की गई है। पूरे प्रदेश के सभी जिलों की ट्रैफिक पुलिस को करीब 10,000 पोस मशीनों से लैस किया जाएगा।
यह व्यवस्था लागू करने के लिए प्रथम चरण के लिए 2000 मशीनें आ गई हैं। इनमें से 50 लखनऊ ट्रैफिक पुलिस को मिली हैं, जिनका ट्रायल शुरू हो गया है। वर्तमान में चालान का जुर्माना एसपी ट्रैफिक अथवा डीसीपी ट्रैफिक कार्यालय या अन्य निर्धारित स्थानों पर ही जमा करने की सुविधा है।
यह व्यवस्था लागू करने के लिए प्रथम चरण के लिए 2000 मशीनें आ गई हैं। इनमें से 50 लखनऊ ट्रैफिक पुलिस को मिली हैं, जिनका ट्रायल शुरू हो गया है। वर्तमान में चालान का जुर्माना एसपी ट्रैफिक अथवा डीसीपी ट्रैफिक कार्यालय या अन्य निर्धारित स्थानों पर ही जमा करने की सुविधा है।
चालान की रकम ऑनलाइन भी जमा की जा सकती है। और अब मौके पर ही डिजिटल पेमेंट की व्यवस्था की गई है। एडीजी ट्रैफिक और सड़क सुरक्षा अशोक कुमार सिंह ने बताया कि वाहन का चालान होने पर चौराहों के ट्रैफिक पुलिस बूथ पर पोस मशीन के जरिए डेबिट कार्ड अथवा क्यूआर कोड स्कैन करके भी चालान का डिजिटल पेमेंट किया जा सकेगा।
पुलिस को प्रशिक्षण देगा एसबीआई स्टाफ
अशोक कुमार ने बताया कि ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को पोस मशीन से डिजिटल पेमेंट कराने के प्रशिक्षण की जिम्मेदारी एसबीआई के स्टाफ को दी गई है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में शनिवार को एसबीआई के कर्मचारी पुलिस को इसके टिप्स देंगे। इस मशीन के जरिए पुराने चालान भी जमा कराने की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही पोस मशीनों को यूपीआई पेमेंट के लिए एक्टिवेट कराया जाएगा।