लखनऊ. विवाहित महिलाओं को अब सिंदूर लगाने से कैंसर नहीं होगा. साथ ही त्वचा और हेयर एलर्जी से भी उन्हें राहत मिलेगी. यह संभव होगा राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान यानी एनबीआरआई की ओर से बनाए गए हर्बल लिक्विड सिंदूर से. इसे मंदिरों से निकलने वाले गुलाब के फूलों से तैयार किया गया है. खास बात है कि यह सिंदूर पूरी तरह से हर्बल है. इसकी खुशबू इतनी अच्छी है कि महिलाओं को इसे लगाने में किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी.
एनबीआरआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. महेश पाल ने बताया कि बाजार में जो सिंदूर मिलता है उसमें केमिकल होते हैं. यह महिलाओं के बालों को सफेद करने के साथ ही उन्हें झड़ने की ओर ले जाते हैं. यही नहीं, कई ऐसे रिसर्च हुए हैं जिसमें पाया गया है कि बाजार में मिलने वाला सिंदूर लगाने से महिलाओं को कैंसर तक हो रहा है. सबसे बड़ी बात यह कि बाजार के सिंथेटिक सिंदूर लगाने से गर्भवती महिलाओं के बच्चे अपंग और दिव्यांग तक पैदा होते हैं.
इन सभी दिक्कतों को देखते हुए ही हर्बल लिक्विड सिंदूर बनाने के बारे में विचार आया था. करीब एक साल की मेहनत के बाद हर्बल सिंदूर को तैयार किया गया है. इसे लगाने से महिलाओं को कोई समस्या नहीं होगी.
बाजार में उतारने की तैयारी
डॉ. महेश पाल ने बताया कि मुंबई की कंपनी से बात चल रही है. अगर वो इसे खरीद लेती है तो जल्द ही यह बाजार में उपलब्ध होगा. लिक्विड हर्बल सिंदूर की 10 एमएल की शीशी की कीमत 30 से 40 रुपये रखी जाएगी, जबकि बाजार का सिंथेटिक सिंदूर चाहे लिक्विड हो या फिर पाउडर, वो काफी महंगा आता है. उन्होंने बताया कि इस सिंदूर को एक कार्यशाला में 40 से ज्यादा महिलाओं ने लगाकर टेस्ट किया था, उन्हें किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हुई थी.
कलर को बनाए रखना थी बड़ी चुनौती
प्रोजेक्ट सपोर्टर वैशाली मिश्रा ने बताया कि इस सिंदूर को तैयार करने में पूरी टीम ने बहुत मेहनत की है. सबसे बड़ी चुनौती थी कि इस सिंदूर का कलर लंबे वक्त तक कैसे बनाए रखें. इसका कलर बिल्कुल सिंदूर जैसा बनाना सबसे बड़ी चुनौती थी. लगातार मेहनत से इस पर काम करने के बाद हमें यह तैयार करने में सफलता मिली है.