डॉक्टरों के एनपीए (NPA) बंद होने पर प्रदेश भर के डॉक्टरों में नाराजगी देखी जा रही है। डेंटल कॉलेज शिमला के डॉक्टर भी इसका जमकर विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एनपीए (NPA) का बंद होना व अभी तक उनका स्टाइपेंड न बढ़ना दोहरी मार है। हिमाचल प्रदेश के सरकारी दंत महाविद्यालय के छात्र अपने स्टायपेंड को लेकर भी चिंतित हैं।
बता दें कि हर महीने सरकारी कॉलेज से एमबीबीएस व बीडीएस करने वाले छात्रों को सरकार द्वारा इंटर्नशिप में स्टाइपेंड दिया जाता है। आज तक एमबीबीएस व बीडीएस का स्टायपेंड हमेशा बराबर रहा है, कभी कोई भेदभाव नहीं किया गया। लेकिन पिछले वर्ष एक नोटिफिकेशन के अनुसार एमबीबीएस छात्रों के स्टायपेंड में वृद्धि की गई थी जब उनका स्टायपेंड 17 हज़ार से बढ़ाकर 20 हज़ार कर दिया गया था। उस नोटिफिकेशन में बीडीएस छात्रों का ज़िक्र ही नहीं किया गया।
प्रशिक्षु डॉक्टरों ने इस बात को कई बार सरकार के सामने रखा, लेकिन उनकी सुनवाई आज तक नहीं हुई। पिछले 8 महीने से यह नोटिफिकेशन आई है और एमबीबीएस का बढ़ा हुआ स्टायपेंड मिलने लग गया है। वहीं, डेंटल के प्रशिक्षु डॉक्टरों को इस लाभ से अभी तक वंचित रखा गया है। उनकी मांग है कि उनके हक़ का स्टायपेंड उन्हें दिया जाए। यह भेदभाव कहीं से भी जायज नहीं है, इसलिए वह इसका विरोध कर रहे हैं।