Nuclear Disaster Warning: यूक्रेन के जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र में विस्फोट हो जाए तो क्या होगा? मचेगी तबाही या बच जाएंगे लोग?

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने चेतावनी दी है कि रूस और यूक्रेन के कारण पूरी दुनिया को परमाणु आपदा का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, दोनों देश एक दूसरे पर ज़ापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर गोलीबारी का आरोप लगा रहे हैं। यह प्लांट अब भी एक्टिव है, जिसकी सुरक्षा रूसी सेना के हाथ में है।

zaporizhzhia nuclear power plant
ज़ापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र

हाइलाइट्स

  • अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र को लेकर दी चेतावनी
  • एजेंसी ने कहा कि हमले नहीं रुके तो रूस और यूक्रेन को परमाणु आपदा का सामना करना होगा
  • वर्तमान में यूक्रेन के जापोरिज्जिया संयंत्र पर रूस का कब्जा, यूक्रेन कर रहा छीनने की कोशिश

कीव: रूस और यूक्रेन के बीच ज़ापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के पास हो रही गोलीबारी को लेकर जुबानी जंग जारी है। दोनों देशों ने एक दूसरे पर इस परमाणु संयंत्र पर हमला करने का आरोप लगाया है। इस बीच अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने चेतावनी दी है कि अगर दोनों देशों ने संयम नहीं दिखाया तो पूरे क्षेत्र को परमाणु आपदा का सामना करना पड़ सकता है। एजेंसी ने रूस और यूक्रेन दोनों से ही साइट के चारों ओर अत्यंत संयम का आग्रह किया है। रूस का दावा है कि यूक्रेनी सेना इस प्लांट को निशाना बनाकर हमला कर रही है। वहीं यूक्रेन का दावा है कि रूस परमाणु आतंकवाद के लिए इस प्लांट पर गोले दाग रहा है। ऐसे में अगर एक भी गोला न्यूक्लियर प्लांट के अंदर गिरता है तो तुरंत रेडिएशन की सुनामी आ सकती है।

  1. ज़ापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र कहां है

    ज़ापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र यूरोप में सबसे बड़ा और दुनिया में 10 सबसे बड़े संयंत्रों में से एक है। यह यूक्रेन में परमाणु ऊर्जा से पैदा होने वाली कुल बिजली का आधे से अधिक का अकेले उत्पादक है। इस संयंत्र की कुल क्षमता लगभग 6,000 मेगावाट बिजली उत्पादन की है, जो लगभग चालीस लाख घरों में बिजली सप्लाई करने के लिए पर्याप्त है। यह प्लांट दक्षिणी यूक्रेन में नीपर नदी के किनारे स्थित है। यह प्लांट यूक्रेन की राजधानी कीव से लगभग 550 किमी दक्षिण-पूर्व और चेरनोबिल से लगभग 525 किमी दक्षिण में स्थित है। ज़ापोरिज्जिया संयंत्र क्रीमिया से लगभग 200 किमी (125 मील) की दूरी पर स्थित है, जिस पर रूस ने 2014 में कब्जा कर लिया था।

  2. कितना महत्वपूर्ण है ज़ापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र

    वर्तमान में ज़ापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र का संचालन यूक्रेनी कर्मचारी कर रहे हैं, लेकिन, इसकी सुरक्षा रूसी सेना के हाथ में है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के अनुसार, इस संयंत्र में यूरेनियम 235 युक्त छह सोवियत-डिजाइन वाटर-कूल्ड रिएक्टर हैं। इनमें से प्रत्येक की क्षमता 950 मेगावाट बिजली उत्पादन की है। एक मेगावाट क्षमता एक साल में 400 से 900 घरों को ऊर्जा प्रदान कर सकती है। मंगलवार को, यूक्रेन ने दावा किया कि रूसी सेना इस प्लांट से पैदा होने वाली बिजली को क्रीमियन बिजली ग्रिड से जोड़कर अपने इलाके में सप्लाई करने की तैयारी कर रहा है।

  3. ज़ापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र की बिजली कटी तो क्या होगा

    अल जजीरा से बात करते हुए इंपीरियल कॉलेज लंदन में सेंटर ऑफ न्यूक्लियर इंजीनियरिंग के निदेशक माइकल ब्लैक ने बताया कि मुख्य चिंता यह है कि संयंत्र को क्रीमियन बिजली ग्रिड से जोड़ने से रिएक्टरों को सप्लाई होने वाली ऑफसाइट बिजली बाधित हो सकती है। ऑफसाइट बिजली का इस्तेमाल रिएक्टरों को ठंडा करने के लिए काफी जरूरी होता है। अगर इन रिएक्टरों को शीतलन प्रदान करने वाले पावर सोर्स को बंद किया गया तो संयंत्र में धमाका हो सकता है। माइकल ने बताया कि राहत की बात यह है कि रूसी बिजली का उपयोग करना चाहते हैं। इसका मतलब यह है कि वे बिजली संयंत्र को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते हैं।

  4. अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने क्या कहा

    आईएईए के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने पिछले हफ्ते स्थिति को पूरी तरह से नियंत्रण से बाहर बताया था। ग्रॉसी ने कहा था कि परमाणु सुरक्षा के हर सिद्धांत का उल्लंघन किया गया है। जो दांव पर लगा है वह बेहद गंभीर और बेहद खतरनाक है। उन्होंने यह भी बताया कि युद्ध के दौरान संयंत्र के कई इलाकों को नुकसान पहुंचा है। इसकी भौतिक अखंडता का सम्मान नहीं किया गया और सप्लाई को बाधित किया गया। उन्होंने बताया कि वहां अब भी बहुत सारा रेडियोएक्टिव मटेरियल मौजूद है, जिसका भौतिक रूप से सत्यापन नहीं किया गया है। ग्रासी ने बताया कि वह जल्द ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को इस प्लांट से जुड़े डिटेल सौप देंगे।

  5. क्या ज़ापोरिज्जिया हो सकता है

    जानकारों के मुताबिक, परमाणु ऊर्जा संयंत्र में विस्फोट हो सकता है, हालांकि इसकी संभावना बेहद कम है। किंग्स कॉलेज लंदन में सेंटर फॉर साइंस एंड सिक्योरिटी स्टडीज के रिसर्च एंड नॉलेज ट्रांसफर मैनेजर रॉस पील ने कहा कि इस प्लांट मे विस्फोट होने की गुंजाइश बेहद कम है। इसके बावजूद अगर कई कारक एक साथ मिल जाते हैं तो इससे इनकार भी नहीं किया जा सकता है। “यह कहना मुश्किल है कि क्या विस्फोट होगा और उसके संभावित परिणाम क्या होंगे। क्योंकि, असर इस बात पर निर्भर करता है कि विस्फोट कैसे होता है।

  6. ज़ापोरिज्जिया प्लांट में किन परिस्थितियों में हो सकता है विस्फोट

    ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी एंड ग्लोबल अफेयर्स के एक प्रोफेसर एमवी रमना ने बताया कि रिएक्टरों को उनसे होकर गुजरने वाली पानी से लगातार ठंडा किया जाना चाहिए। अगर उस पानी का कनेक्शन काट दिया जाता है, या उसकी सप्लाई को रोक दिया जाता है, तो रिएक्टर ठंडा होना बंद कर सकता है, इससे ईंधन पिघलना शुरू हो जाएगा। यह एक तरह से उच्च दबाव पैदा करेगा और प्लांट में विस्फोट हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि विस्फोट के तुरंत बाद अदृश्य रेडियोधर्मी बादल प्लांट से निकलने लगेंगे। हालांकि, इस रिसाव से विकिरण का असर शायद आने वाले वर्षों में महसूस किया जाएगा।

  7. अगर न्यूक्लियर प्लांट में विस्फोट होता है तो क्या असर होगा

    रमना ने बताया कि विस्फोट से तत्काल कोई असर देखने को नहीं मिलेगा। इसके बावजूद आसपास के सैकड़ों किलोमीटर से लोगों को हटा दिया जाएगा। विस्फोट के बाद प्लांट से रेडिएशन के बादल निकलने लगेंगे लेकिन आप इसे देखने में सक्षम नहीं होंगे … हम बादल को ट्रैक करने में सक्षम हैं क्योंकि हमारे पास इस तरह के संवेदनशील उपकरण हैं जो विकिरण स्तर को मापते हैं। इस तरह के विस्फोट से कुछ लोगों की स्किन जल सकती है या बाद में उन्हें कैंसर हो सकता है। चेरनोबिल में विस्फोट के समय आग बुझाने में जुटे लोग सीधे न्यूक्लियर रिएक्टर के ऊपर खड़े थे। ऐसे में वे भारी मात्रा में विकिरण के संपर्क में थे और घंटों के भीतर उन्हें इसके प्रभावों का सामना करना पड़ा।