शिक्षा विभाग (education Department) ने मंडी जिला में सराज व करसोग में चार और प्राइमरी स्कूल (primary school) को डिनोटिफाइड (denotified) करने का फरमान जारी कर दिया है। इसमें दो स्कूल नॉन-फंक्शनल और जीरो एनरोलमेंट (Enrollment) के कारण बंद कर दिए हैं। इसमें सराज के शिक्षा खंड दो का राजकीय प्राथमिक पाठशाला कांढी, शिक्षा खंड बगस्याड का प्राइमरी स्कूल बेकर, राजकीय प्राथमिक पाठशाला थाच खनियार और करसोग-द्वितीय का राजकीय प्राथमिक पाठशाला मगान शामिल है। इनमें कुछ स्कूलों में बच्चों की संख्या शून्य थी। वहीं कुछ स्कूल में शिक्षक न होने के कारण डेपुटेशन पर चल रहा था, जबकि दो स्कूल नॉन-फंक्शन थे।
मंडी जिला में चार स्कूलों को मिलाकर अब 55 स्कूल डिनोटिफाइड हो गए हैं। बंद हुए स्कूल के स्टाफ को दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया है। इस बाबत शिक्षा निदेशालय को रिपोर्ट भेज दी गई है।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में शिक्षा का क्या स्तर है। कितने लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाना चाह रहे हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश सरकार ने शून्य दाखिला होने वाले स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है। पहले जिला मंडी में 39 प्राइमरी व 12 मिडिल स्कूलों को डिनोटिफाइड करने की अधिसूचना भी जारी की गई थी। इन स्कूलों में सबसे ज्यादा सात मिडिल स्कूल जिला के सराज शिक्षा खंड में और सबसे ज्यादा 10 प्राइमरी स्कूल धर्मपुर में बंद किए गए थे।
वहीं अब 4 और प्राइमरी स्कूल जिला में बंद कर दिए गए हैं। इनमें तीन प्राइमरी स्कूल सराज और एक स्कूल करसोग क्षेत्र से है। प्रारंभिक शिक्षा उप निदेशक मंडी अमरनाथ राणा ने बताया कि शिक्षा विभाग ने ऐसे स्कूलों को बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं। जिनमें 18 मार्च 2023 तक एक भी बच्चे का एडमिशन नहीं हुआ है। विभाग व सरकार के दिशा निर्देशों के बाद इन स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है। लेकिन भविष्य में जरूरत के हिसाब व सरकार के दिशा निर्देशों पर इन्हें बहाल भी किया जा सकता है।