नूपुर शर्मा मामलाः सऊदी अरब, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, क़तर, कुवैत, OIC ने क्या कहा

पैग़ंबर मोहम्मद के बारे में बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की विवादास्पद टिप्पणियों पर मुस्लिम देश लगातार आपत्ति जता रहे हैं.

रविवार को क़तर ने सबसे पहले इसे लेकर अपनी नाराज़गी जताई थी जिसके बाद से कुवैत, सऊदी अरब, अफ़ग़ानिस्तान, ईरान, पाकिस्तान जैसे देशों ने आपत्ति जताई है.इनके अलावा मुस्लिम देशों के संगठन ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इस्लामिक कोऑपरेशन यानी ओआईसी ने भी नाराज़गी प्रकट की है.

सऊदी अरब ने जताई आपत्ति

सऊदी अरब ने बीजेपी की प्रवक्ता रही नुपूर शर्मा के पैग़बर मोहम्मद के बारे में दिए गए विवादास्पद बयान की निंदा करते हुए एक स्टेटमेंट जारी की है.इससे पहले क़तर, ईरान और कुवैत ने भी नुपूर शर्मा के बयान पर सख़्त एतराज़ जताया था. सऊदी अरब ने कहा है कि सभी धर्मों और मान्यताओं का सम्मान होना चाहिए.

  • नूपूर शर्मा

देश के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि बीजेपी प्रवक्ता के बयान से पैग़बर मोहम्मद का अपमान हुआ है. मंत्रालय ने कहा कि वो ‘इस्लाम धर्म के चिह्नों के विरुद्ध पूर्वाग्रहों को अस्वीकार करता है.’

बयान में बीजेपी द्वारा अपने प्रवक्ता के ख़िलाफ़ क़दम उठाए जाने के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि उनका देश सभी धर्मों और मतों के सम्मान का हिमायती है.

अफ़ग़ानिस्तान ने की निंदा

अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार ने ‘भारत की सत्ताधारी पार्टी के एक नेता के पैग़ंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक शब्दों के इस्तेमाल की कड़ी निंदा की है’.

तालिबान सरकार के प्रवक्ता ज़बीहुल्ला मुजाहिद ने एक ट्वीट में लिखा है- “हम भारत सरकार से आग्रह करते हैं कि वो ऐसे धर्मांध लोगों को इस्लाम का अपमान करने और मुसलमानों की भावना भड़काने से रोकें.”

ओआईसी का बयान

57 मुस्लिम देशों के संगठन ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इस्लामिक कोऑपरेशन यानी ओआईसी ने पैग़ंबर के ख़िलाफ़ बयानों के मामले पर आपत्ति जताई है.

ओआईसी ने एक ट्वीट में कहा कि संगठन के महासचिव भारत की सत्ताधारी पार्टी के एक अधिकारी की ओर से पैग़ंबर के बारे में किए गए अपमान की सख़्त निंदा करता है.

ओआईसी ने संयुक्त राष्ट्र से आग्रह किया कि वो “भारत में मुसलमानों को निशाना बनाए जाने को लेकर” समुचित क़दम उठाए.

ओआईसी ने ट्वीट में कहा है- “ये घटना भारत में इस्लाम के ख़िलाफ़ बढ़ती नफ़रत के बीच और ऐसे समय हुई है जब वहाँ मुसलमानों के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा के बीच, वहाँ मुसलमानों के ख़िलाफ़ लगातार क़दम उठाए जा रहे हैं और उनपर पाबंदियाँ लगाई जा रही हैं, जैसे भारत के कई राज्यों में हिजाब पर रोक लगाई जा रही है और मुसलमानों की संपत्तियों को तोड़ा जा रहा है.”

बहरीन ने जारी किया बयान

उसने साथ ही कहा है कि पैग़ंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ ऐसे अपमान की घटनाओं की निंदा की जानी चाहिए जिनसे मुसलमानों की भावनाएँ आहत होती हैं और धार्मिक नफ़रत को भड़काया जाता है.

बयान में साथ ही कहा गया है कि सभी मज़हबों, प्रतीकों और शख़्सियतों का सम्मान करने तथा राजद्रोह व धार्मिक, सांप्रदायिक और नस्लवादी हिंसा का सामना करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों के महत्व पर ज़ोर दिया जाना चाहिए.

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान ने भी बीजेपी प्रवक्ता के बयान पर इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास के प्रभारी को बुलाकर अपनी आपत्ति दर्ज करवाई है.पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने ट्विटर पर लिखा, “पाकिस्तान ने भारतीय जनता पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं के बयान पर, इस्लामाबाद में मौजूद भारतीय दूतावास के प्रमुख को बुलाकर, अपनी आपत्ति दर्ज की है.”

इससे पहले रविवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने कहा था वे बीजेपी प्रवक्ता के पैग़ंबर मोहम्मद पर दिए गए दुख पहुँचाने वाले बयान की मज़बूत शब्दों में निंदा करते हैं.

शरीफ़ ने लिखा, “मैंने बार-बार कहा है कि मोदी के राज में भारत मुसलमानों की की मज़हबी आज़ादी पर चोट कर रहा है. दुनिया को इसका संज्ञान लेना चाहिए और भारत की सख़्त आलोचना करनी चाहिए. पैग़बर मोहम्मद के लिए हमारा प्यार सर्वोच्च है. सभी मुसलमान पैग़ंबर मोहम्मद के लिए अपनी जान न्योछावर कर सकते हैं.”

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने भी बीजेपी प्रवक्ता की टिप्पणी की निंदा की थी.

भुट्टो ने लिखा, “हम अपने प्यारे पैगंबर मोहम्मद के बारे में भाजपा प्रवक्ताओं की प्रतिकूल और अपमानजनक टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हैं. दुनिया भर के करोड़ों मुसलमानों के जज़्बात को ठोस पहुंचाने को स्वीकार नहीं किया जा सकता. भारत में ‘हिंदुत्व’ से प्रेरित इस्लामोफोबिया को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई का वक़्त आ गया है.”

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने रविवार को ही बीजेपी प्रवक्ताओं के बयानों पर आपत्ति जता दी थी. मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि बीजेपी का अपने प्रवक्ताओं पर देरी से की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई, मुस्लिम दुनिया को हुए दर्द और दुख का भरपाई नहीं कर सकता.