अब विदेशों से नहीं हिमाचल के भीतर ही नर्सरी तैयार कर उच्च गुणवत्ता वाले सेब के पौधे बागवानों को दिए जाएंगे। इसके लिए बागवानी मंत्री ने उद्यान विभाग को एक रोड मैप तैयार करने के निर्देश दिए है। नेगी ने उद्यान विभाग रिकांगपिओ का निरीक्षण कर अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ बैठक की। नेगी ने कहा कि जिला में एचडीपी प्रोजेक्ट के तहत चार क्लस्टर चिन्हित है। लेकिन पिछले पांच सालों में इस पर बेहतर काम नहीं हुआ है।
वहीं विभाग बागवानों की जरूरत के मुताबिक सेब के पौधे उपलब्ध नहीं करवा पाई। नेगी ने कहा कि बागवानों की जरूरत के मुताबिक विभाग के पास नर्सरी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में आने वाले समय में जिला में ही नर्सरी तैयार कर जरूरत के मुताबिक उच्च गुणवत्ता वाले सेब के पौधे तैयार किए जाएंगे। मंत्री ने कहा कि उद्यान विभाग का कानून बना है कि बिना रजिस्टर्ड नर्सरी से पौधे नहीं बेच सकता है।
वहीं विभाग की भी यह जिम्मेदारी है कि बाहर से आ रहे पौधे पर पूरी निगरानी रखें, जो अभी नहीं हो रहा है। नेगी ने कहा किन्नौर में जो सेब के पौधे बाहर से आ रहे है उस की गुणवत्ता पर भी चिंता का विषय है। उद्यान विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि आने वाले समय में जो भी बाहर से पौधे आ रहे है। उन पर निगरानी रखी जाए।
वहीं आने वाले समय में विभाग की पूरी कोशिश रहेगी कि ज़्यादा से ज़्यादा पौधे अपने स्तर पर तैयार करें। ताकि बागवानों को ट्रेनिंग दें कि हाइट पर कौन सा रूट्स स्टॉक लगाना है, कौन सी वैराइटी लगानी है। इस समय बजार में अनेक वैराइटी आ रही है। ऐसे में बागवान असमंजस में है कि कौन सी वैराइटी सही है। इस सब को ध्यान में रखते हुए बागवानी को आगे बढ़ाने की कोशिश की जाएगी।