महाराष्ट्र में नर्सिंग स्टाफ ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, इस वजह से नाराज है एसोसिएशन

 महाराष्ट्र स्टेट नर्स एसोसिएशन ने एक घंटे काम बंद करके सरकार के इस फैसले के प्रति विरोध जताया. आगे भी हड़ताल जारी रखने की धमकी दी है. जानें पूरा मामला

Maharashtra State Nurse Associatin Strike: महाराष्ट्र के राज्य नर्स एसोसिएशन (Maharashtra State Nurse Association) ने सरकार (Maharashtra Government) को अनिश्चितकाल तक के लिए हड़ताल (MSNA Strike) पर जाने की धमकी दी है. इसी के तहत सोमवार को राज्य के नर्सिंग स्टाफ और नर्सिंग स्टूडेंट्स (Maharashtra State Nurse Association Strike) ने एक घंटे के लिए काम बंद रखा और हड़ताल की. महाराष्ट्र के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (Maharashtra Government Medical Colleges And Hospitals) के नर्सिंग स्टाफ (Maharashtra Nursing Staff Strike) ने सुबह 7.30 से 8.30 बजे तक काम का बायकॉट किया.

ये है एमएसएनए की नाराजगी का कारण –

टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र स्टेट नर्स एसोसिएशन (Maharashtra MSNA Strike) की हड़ताल के पीछे सरकार द्वारा की गई वह घोषणा है जिसके तहत कुछ नर्सिंग स्टाफ को किसी बाहरी एजेंसी द्वारा आउटसोर्स करने की बात कही गई है.

दरअसल 13 अप्रैल को महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने घोषणा की थी कि राज्य भर में निकली नर्स की 4500 वैकेंसीज में से 1749 को बाहर से हायर किया जाएगा. इस निर्णय का विरोध करते हुए सरकारी अस्पताल और कॉलेज के नर्सिंग स्टाफ ने हड़ताल की.

नहीं मानी मांगे तो उठाएंगे ये कदम –

इस बारे में एमएसएनए यानी नर्स एसोसिएशन का कहना है कि अभी उन्होंने केवल एक घंटे के लिए काम बंद रखा था, ऐसा ही वे अगले दो दिनों तक और करेंगे. इसके बाद भी उनकी मांगे नहीं मानी गई तो गुरुवार और शुक्रवार को पूरी तरह हड़ताल पर चले जाएंगे. शनिवार तक सही जवाब न मिलने पर 25,000 सदस्यों वाली इस एसोसिएशन ने पूरी तरह से काम बंद करने की धमकी दी है.

आउटसोर्सिंग की नहीं है जरूरत 

इस बारे में संगठन से जुड़े प्रवक्ताओं का कहना है कि अभी कोई महामारी का समय नहीं है कि सरकार को बड़ी संख्या में नर्सों की नियुक्ति करनी है, इसलिए वे इन्हें आउटसोर्स कर रहे हैं. इसके साथ ही इससे राज्य की नर्सों को कम पेमेंट और बिना प्रमोशन के संतोष करने पर बाध्य होना पड़ेगा. संगठन का कहना है कि अभी तक जैसे नर्सों की नियुक्ति होती आयी है आगे भी वैसे ही होनी चाहिए