नुसरत की नायाब अदाकारी, न्यू मिलेनियल्स के ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्मों जैसा नया सिनेमा

हिंदी सिनेमा में कोई नई फिल्म कंपनी खुले। कंपनी खोलने वालों की बड़े बड़े सितारों से सीधी पहचान हो। हर सितारा कंपनी के साथ काम करने को तैयार भी दिखे लेकिन कंपनी फिल्म बनाए कामयाबी की तरफ आगे बढ़ रही एक अभिनेत्री, तमाम नए कलाकारों और ढेर सारे चरित्र अभिनेताओं के साथ, तो उसकी हौसला अफजाई की जानी चाहिए। विनोद भानुशाली कई दशकों तक टी सीरीज जैसी म्यूजिक और फिल्म कंपनी की साज संभाल के बाद अपने बूते सिनेमा में नया कदम बढ़ा रहे हैं। उनकी बतौर प्रोड्यूसर पहली फिल्म ‘जनहित में जारी’ शुक्रवार को सिनेमाघरों में पहुंच रही है। अपनी फिल्म की कहानी पर उन्हें पक्का भरोसा है। ये कहानी और ये फिल्म ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सके तो वह फिल्म को पहले दिन सौ रुपये में दिखाने की भी बड़ी पहल कर रहे हैं। इन दो वजहों से ही विनोद ने दर्शकों का दिल जीत लिया है। वह अपनी फिल्म को लेकर आश्वस्त हैं। फिल्म ‘जनहित में जारी’ पहले सीधे ओटीटी पर रिलीज होने वाली थी, लेकिन फिल्म के कथ्य को लेकर उनका भरोसा इतना रहा कि फिल्म अब पहले बड़े परदे पर रिलीज हो रही है।

जनहित में जारी

आज के जमाने की युवती की कहानी
फिल्म ‘जनहित में जारी’ में जारी की कहानी देश के किसी भी छोटे शहर की कहानी हो सकती है। पढ़ाई लिखाई करके एक अच्छी सी नौकरी करके अपने पैरों खड़े होने की चाहत रखने वाली लड़कियों को बाहरी दुनिया से दो दो हाथ करने से पहले घर में अपने मां-बाप से भिड़ना होता है जिनको अपनी बेटी को लेकर सिर्फ एक जिम्मेदारी समझ आती है और वह है जल्दी से जल्दी उसकी शादी कर देना। मनु की भी यही दुनिया है। वह पेट में तकिया लगाकर बस में सीट का जुगाड़ करती है और जानती है कि ये दुनिया चलती कैसे है। संयोग ऐसा बनता है कि उसे नौकरी की सख्त जरूरत है और जिस नौकरी में उसका चयन हुआ है, वह कंडोम बनाने वाली कंपनी है। उसे अब इस कंपनी के उत्पाद का प्रचार करना है जिसके लिए वह तमाम तरह के जुगाड़ भी ढूंढती रहती है। साथ में कहानी उसके मायके से लेकर ससुराल तक डोलती रहती है।
नुसरत भरूचा की नायाब अदाकारी
नुसरत भरूचा का फिल्मी सफर लंबा रहा है। अब जाकर उन्हें भी लगने लगा है कि उनके अच्छे दिन आ रहे हैं। ऐसा लगना भी चाहिए क्योंकि जब निर्माता, निर्देशक किसी अभिनेत्री के भरोसे फिल्म बनाने का फैसला कर ले, तो ये किसी भी अभिनेत्री के लिए कम से कम हिंदी सिनेमा में बहुत बड़ी बात होती है। नुसरत भरूचा को ऐसे मौके इधर मिल भी खूब रहे हैं। अक्षय कुमार जैसे सितारों के साथ काम करने का मौका पा चुकीं, नुसरत को सिर्फ उनके कंधों पर टिकी फिल्में भी मिल रही हैं। फिल्म ‘जनहित में जारी’ एक तरह से उनकी ही शो रील है। पूरी फिल्म उन्होंने अपने कंधों पर उठा रखी है। फिल्म के पहले 30 मिनट कब गुजर गए, पता भी नहीं चलता और इन पहले 30 मिनट में पूरा कमाल सिर्फ नुसरत भरूचा का ही रहता है। कंडोम बेचने वाली लड़की का किरदार नुसरत ने जिस सहजता से निभाया है, उसके लिए वह वाकई पुरस्कार की हकदार हैं।

जनहित में जारी

ऋषिकेश मुखर्जी की याद दिलाती फिल्म
फिल्म ‘जनहित में जारी’ में नुसरत भरूचा का साथ देने के लिए इसके निर्माताओं ने तमाम नए पुराने कलाकारों की टीम उतारी है। और, फिल्म के निर्देशन का जिम्मा सौंपा है नए निर्देशक जय बसंतू सिंह को। मूल रूप से फिल्म संपादन में महारत रखने वाले जय बसंतू की गाड़ी इस फिल्म के बाद बतौर निर्देशक चल निकलने वाली है। फिल्म एडीटर से फिल्म डायरेक्टर बनने वालों का हिंदी सिनेमा में अच्छा इतिहास रहा है और जय बसंतू की ये फिल्म ऐसे ही एक उम्दा निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी के सिनेमा के काफी करीब है। फिल्म देखकर कई बार ऐसा लगता है कि न्यू मिलेनियल्स के लिए ये साल 2022 में ये ऋषिकेश मुखर्जी का ही नया सिनेमा है। जय बसंतू ने अपनी फिल्म के लिए फिल्म के लेखकों और इसकी तकनीकी टीम से भरपूर मदद पाई है।
जनहित में जारी
अगर आपको सामाजिक मुद्दों पर बनी बेहतरीन कॉमेडी फिल्में पसंद रही हैं तो फिल्म ‘जनहित में जारी’ आपके लिए ही है। ये फिल्म तमाम मुद्दों पर सीधी चोट करती है लेकिन इसका  भी ध्यान रखती है कि ये सेक्स एजूकेशन पर बनी फिल्म बनकर न रह जाए। पुरुषों को उनकी जिम्मेदारी का बार बार एहसास कराने वाली ये फिल्म ऐसे हर मौके पर भले हंसी ले आती हो, लेकिन इन व्यंग्य के पीछे वह सोच भी साफ झलकती है जिसे नए जमाने की युवतियां कब का अपना चुकी हैं, पता नहीं उनके घरवालों को खबर हुई कि नहीं। फिल्म ‘जनहित में जारी’ इस वीकएंड आपकी विश लिस्ट में शामिल होने वाली फिल्म है, इसे देखिए ताकि हिंदी सिनेमा में ओरिजनल कहानियां का परचम लहराता रहे और फिल्मी परिवारों के बाहर के लोग अपनी स्थिति इसी तरह हिंदी सिनेमा में मजबूत करते रहें।