शाहिद अफरीदी सहित कई पूर्व क्रिकेटरों का मानना है कि बाबर आजम को ओपनिंग नहीं करनी चाहिए, लेकिन कप्तान अड़े हुए हैं। टी-20 वर्ल्ड कप में सिर्फ एक ही बार दहाई का आंकड़ा पार सके हैं। वह टीम की सबसे बड़ी कमजोरी हैं। आइए जानते हैं दोनों टीमों की मजबूती, कमजोरी और X फैक्टर के बारे में…
नई दिल्ली: T-20 वर्ल्ड कप के पहले सेमीफाइनल में आज न्यूजीलैंड और पाकिस्तान आमने-सामने होंगे। यह तस्वीर बहुत कुछ 1992 के वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल जैसी होगी। तब भी पाकिस्तान की टीम लड़खड़ाते हुए अंतिम-4 में पहुंची थी, जबकि न्यूजीलैंड ने टॉप पर रहते हुए सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। उस मुकाबले में पाकिस्तान ने सभी को हैरान करते हुए अप्रत्याशित जीत हासिल की थी। क्या आज पाकिस्तान इतिहास दोहराएगा या कीवी टीम इतिहास को पलटेगी।
मजबूती: साउदी और बोल्ड का पेस अटैक बहुत मजबूत है, लेकिन बल्लेबाजी में गहराई असल मजबूती है। कब कौन बल्लेबाज जोरदार पारी खेल जाए, यह कहना मुश्किल है यानी ऑलआउट होने तक विपक्षी गेंदबाज निश्चिंत नहीं हो सकते।
कमजोरी: टीम को बीच के ओवरों में कप्तान केन विलियमसन और डेरिल मिचेल संभालते हैं, लेकिन इस टूर्नामेंट में लेग स्पिन के खिलाफ ये दोनों जूझते दिखे हैं। ऐसे में फॉर्म में चल रहे पाकिस्तानी लेग स्पिनर शादाब के खिलाफ इनका प्रदर्शन नतीजे पर असर डाल सकता है।
किस्मत का चैंपियन है पाकिस्तान (T-20 रैंक 4)
मजबूती: टूर्नामेंट से पहले जिस मिडल ऑर्डर को कमजोर बताया जा रहा था, उसी ने शानदार खेल दिखाकर टीम को सेमीफाइनल तक पहुंचाया है। टीम के युवा बल्लेबाज मोहम्मद हारिस ने अपने अटैकिंग शॉट्स से बल्लेबाजी में नई जान फूंकी है।
कमजोरी: पाकिस्तान टीम के कप्तान बाबर आजम और उनके साथी ओपनर मोहम्मद रिजवान की ओपनिंग जोड़ी ने कई मैच जिताए हैं, लेकिन इस वर्ल्ड कप में ये दोनों ही रन बनाने में जूझते दिखे। दबाव में चल रही इस जोड़ी के लिए कीवी टीम के तेज गेंदबाज टिम साउदी और ट्रेंट बोल्ट के खिलाफ रन बनाना आसान नहीं होगा।
पाकिस्तान vs न्यूजीलैंड
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28 T-20 मैचों में दोनों आमने-सामने रहे
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11 न्यूजीलैंड जीता, 17 पाकिस्तान
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10 आखिरी मैचों में 7 में पाकिस्तान जीता