Objective of natural farming to provide safe and chemical-free food grains. Saizal

सुरक्षित व रसायन मुक्त खाद्यान्न उपलब्ध करवाना प्राकृतिक खेती का उद्देश्य-डाॅ. सैजल

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा आयुर्वेद मन्त्री डाॅ. राजीव सैजल ने कहा कि कृषि योग्य भूमि के संरक्षण एवं सभी को सुरक्षित खाद्यान्न उपलब्ध करवाने में प्राकृतिक खेती महत्वपूर्ण है। डाॅ. सैजल आज सोलन जिला के धर्मपुर में आयोजित प्राकृतिक खेती जागरूकता एवं किसान सम्मान समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने इससे पूर्व धर्मपुर में लगभग 3.50 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित होने वाले खण्ड
विकास अधिकारी कार्यालय धर्मपुर का भूमि पूजन किया।

डाॅ. सैजल ने कहा कि प्राकृतिक खेती वर्तमान में अत्यन्त आवश्यक हो गई है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती जहां प्रकृति के सान्निध्य में अत्यन्त कम लागत में की जा सकती है वहीं यह भूमि तथा मनुष्य के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि भारतीय नस्ल की गाय प्राकृतिक खेती के लिए आवश्यक है और इसके माध्यम से देश के बहुमूल्य गौवंश और भूमि को सुरक्षित रखने में सहायता मिल रही है। उन्हांेने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत प्रति वर्ष 25 करोड़ रुपए व्यय कर रही है। प्रदेश में वर्तमान में 80 हजार से अधिक किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। उन्होंने युवा किसानों से आग्रह किया कि प्राकृतिक खेती अपनाएं और प्रदेश सहित देश को रसायनिक जहर से मुक्ति दिलाएं।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मन्त्री ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है। कृषि क्षेत्र को सुदृढ़ करने और किसानों की आय में आशातीत वृद्धि करने के लिए केन्द्र सरकार निरन्तर प्रयासरत है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, परम्परागत कृषि विकास योजना के साथ-साथ जल से कृषि को बल और सूक्ष्म सिंचाई के माध्यम से कुशल सिंचाई योजना के तहत ड्रिप स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली लागू की जा रही है।

 

डाॅ. सैजल ने कृषि वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे किसानों को नई तकनीक और अनुसंधान से अवगत करवाएं। यह आवश्यक है कि उच्च प्रौद्योगिकी और अनुसंधान को खेत तक लेकर जाया जाए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अभी भी परम्परागत कृषि की जा रही है। हमें परम्परागत कृषि में विविधता और नयापन लाने के लिए ठोस प्रयास करने होंगे। इस दिशा में कृषि वैज्ञानिकों के साथ-साथ कृषि विभाग के अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है।

उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की वर्तमान कृषि नीतियां किसान हित में हैं और सभी नीतियों का उद्देश्य किसानों एवं बागवानों को बिचैलियों से बचाकर उनकी फसल का उचित मूल्य दिलवाना तथा किसानों की आर्थिकी को संबल प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि पहली बार किसानांे की समस्याआंे को समझकर नीति निर्धारण किया गया है। सोलन स्थित सब्जी मण्डी भी प्रदेश की भाजपा सरकार की ही देन है और वर्तमान सरकार द्वारा 1.65 करोड़ रुपए की लागत से धर्मपुर स्थित सब्जी मण्डी का जीर्णोद्धार किया जा रहा है।
डाॅ. सैजल ने इस अवसर पर सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग से सेवानिवृत एवं कसौली विधानसभा क्षेत्र के निवासी वयोवृद्ध शिव सिंह चैहान द्वारा लिखित पुस्तक ‘ममता के मंदार’ का विमोचन भी किया।
उन्होंने इस अवसर पर सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती के तहत उत्कृष्ट कार्य करने वाले जिला के 30 किसानों और आतमा परियोजना के तहत गठित 05 कृषक समूहों को सम्मानित भी किया।

आतमा परियोजना के उपनिदेशक डाॅ. रविन्द्र जसरोटिया ने प्राकृतिक खेती एवं देसी गाय के विषय पर जानकारी प्रदान की। जिला कृषि अधिकारी डाॅ. सीमा कंसल ने कृषि विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही योजनाआंे की जानकारी दी।
एपीएमसी सोलन के अध्यक्ष संजीव कश्यप, प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी सदस्य सुंदरम ठाकुर, प्रदेश किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य राजकुमार सिंगला, भाजपा मंडल कसौली के अध्यक्ष कपूर सिंह वर्मा, ग्राम पंचायत गुल्हाड़ी के प्रधान राज्य परिवहन प्राधिकरण के सदस्य मदन मोहन मेहता, बघाट बैंक के निदेशक कृपाल सिंह, बीडीसी धर्मपुर की अध्यक्ष नीता देवी, ग्राम पंचायत आंजी मातला के प्रधान खुशी राम, ग्राम पंचायत जाबली के प्रधान दुनीचंद, भारतीय जनता युवा मोर्चा के रोहित ठाकुर, भाजपा तथा भाजयुमो के पदाधिकारी, किसान-बागवान, स्वयं सहायता समूहों के सदस्य, गणमान्य व्यक्ति तथा पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि इस अवसर पर उपस्थित थे।