पुरी. ओडिशा सरकार की मंजूरी के बाद भगवान जगन्नाथ के नाम पर 60 हजार एकड़ से अधिक भूमि के दस्तावेजों का डिजिटलीकरण किया जाएगा. यह जानकारी एक अधिकारी ने दी है. श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक वीवी यादव ने पुरी के गजपति महाराजा दिव्य सिंह देव की अध्यक्षता में हुई प्रबंधन समिति की बैठक के बाद बताया कि महाप्रभु जगन्नाथ बिजे के नाम पर ओडिशा में 60,426 एकड़ जमीन है तथा छह अन्य राज्यों में 395.252 एकड़ भूमि है.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि ओडिशा के बाहर पश्चिम बंगाल में भगवान के नाम पर सबसे ज्यादा 322.930 एकड़ भूमि है. इसके अलावा महाराष्ट्र में 28.21 एकड़, मध्य प्रदेश में 25.11 एकड़, आंध्र प्रदेश में 17.02 एकड़, छत्तीसगढ़ में 1.7 एकड़ और बिहार में 0.27 एकड़ भूमि दर्ज है.
यादव ने आगे कहा कि भूमि दस्तावेजों के डिजिटलीकरण की जिम्मेदारी सरकारी संस्था ओडिशा स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (ओआरएसएसी) को दी जाएगी. उन्होंने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार से मंजूरी मिलने के बाद इस प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा.
वहीं बीते शनिवार को खबर आई है कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा पुरबा मेदिनीपुर जिले के समुद्र तट शहर दीघा में 100 करोड़ रुपये की लागत से जगन्नाथ मंदिर तैयार किया जा रहा है. इस मंदिर का निर्माण कार्य 2023 तक पूरा हो जाएगा. समुद्र तट के पास 20 एकड़ भूखंड पर मंदिर का निर्माण पश्चिम बंगाल हाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा किया जा रहा है, जो ओडिशा के पुरी में सदियों पुराने जगन्नाथ मंदिर से मिलता जुलता है. 65 मीटर ऊंचे मंदिर में भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की मूर्तियां होंगी.