Odisha news: जिंदगीभर भीख मांगकर जुटाई रकम, बुजुर्ग महिला ने जगन्नाथ मंदिर को दान किए 1 लाख रुपये

ओडिशा के कांधमाल जिले में एक बुजुर्ग महिला ने जगन्नाथ मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए एक लाख रुपये दान दिए। हैरान करने वाली बात है कि यह महिला कोई लखपति या करोड़पति नहीं, बल्कि एक भिखारी है। उसने भीख मांगकर जीवनयापन किया और जो बचत की वह मंदिर को दान कर दिया।

70-year-old woman has donated Rs 1 lakh that she earned through begging throughout her entire life, for renovation of old Jagannath temple in Phulbani
भिखारी ने मंदिर को दिया दान

भुवनेश्वर: ओडिशा में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां पर एक बुजुर्ग महिला ने जगन्नाथ मंदिर निर्माण में एक लाख रुपये दान किए। खासबात यह है कि इस महिला ने यह रकम भीख मांगकर एकत्र की। 70 वर्षीय महिला ने पूरे जीवन भर भीख मांगकर जीवनयापन करती रही। इस दौरान उसने दान के लिए रुपये भी जोड़े और अब मरने से पहले वह इन रुपयों क दान करना चाहती थी इसलिए मंदिर प्रशासन को रुपये सौंपे।

मामला कंधमाल जिले के फूलबनी में पुराने जगन्नाथ मंदिर का है। अब महिला के रुपयों को मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए यूज किया जाएगा। तुला बेहरा पिछले 40 सालों से फूलबनी कस्बे के विभिन्न मंदिरों के पास भीख मांग रहे थी।

पति की पहले ही हो चुकी है मौत

तुला का विवाह शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति प्रफुल्ल बेहरा से हुआ था। दंपती कस्बे में भीख मांग रहा था। बाद में, प्रफुल्ल तुला को अकेला छोड़कर चल बसे। जैसा कि महिला का कोई निकट और प्रिय नहीं है, उसने खुद को भगवान जगन्नाथ के चरणों में समर्पित कर दिया है।

धनु संक्रांति पर किया दान

धनु संक्रांति के मौके पर तुला ने शुक्रवार को जगन्नाथ मंदिर की प्रबंध समिति को अपनी एक लाख रुपए की कमाई दान कर दी। तुला ने कहा, ‘न तो मेरे माता-पिता हैं और न ही कोई संतान। मैंने भीख मांगकर अपने बैंक खाते में जो भी पैसा बचाया है, उसे भगवान जगन्नाथ को दान कर दिया।’

बुजुर्ग महिला ने कहा कि उसे किसी पैसे की जरूरत नहीं है क्योंकि वह बूढ़ी हो गई है और उसने खुद को भगवान जगन्नाथ के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। उन्होंने मंदिर प्रबंध समिति से फूलबनी में पुराने जगन्नाथ मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए धन का उपयोग करने का अनुरोध किया।

समिति के एक सदस्य ने कहा, ‘जब उसने मुझसे संपर्क किया, तो मैं उससे पैसे लेने के लिए अनिच्छुक था। मैंने रुपये लेने से इनकार कर दिया लेकिन उसे हम लोगों को बहुत कहा जिसके बाद हमें रुपये लेने पड़े।’