बालासोर, ओडिशा (Odisha Train Accident) में बीते शुक्रवार शाम को बहानागा रेलवे स्टेशन के पास तीन ट्रेनों आपस में टकरा गई. दुर्घटना में मृतकों की संख्या 290 से ज़्यादा बताई जा रही है. मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. इस दुर्घटना में 1000 मासूम घायल भी हो गए. दुर्घटनाग्रस्त हुई कोरोमंडल एक्स्प्रेस से सफ़र कर रहे राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (National Disaster Response Force) के एक जवान ने सबसे पहले दुर्घटना की सूचना कंट्रोल रूम को दी. इसके बाद इस जवान ने फ़रिश्ता बनकर लोगों की जान बचाई.
NDRF के जवान ने भेजा पहला अलर्ट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोमंडल एक्स्प्रेस से सफ़र कर रहे एक NDRF के जवान ने बालासोर ट्रेन दुर्घटना का पहला अलर्ट भेजा था. अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इस जवान ने लाइव लोकेशन शेयर किया और इसके बाद लोगों की मदद करनी शुरू की. इस जवान का नाम है वेंकटेश एनके. वेंकटेश हावड़ा, पश्चिम बंगाल से तमिलनाडु जा रहा था. वो कोच B-7 सीट नंबर 58 से यात्रा कर रहा था. ये डिब्बा पटरी से उतर गया लेकिन आगे के ट्रेन के डिब्बों से नहीं टकराया.
देश में पिछले तीन दशकों में इतनी भयानक ट्रेन दुर्घटना नहीं घटी थी. 288 से अधिक जानें चली गई और हज़ारों लोग घायल हो गए.
सीनियर इंस्पेक्टर को फ़ोन किया
PTI से बात-चीत के दौरान वेंकटेश ने बताया कि वो NDRF के 2nd Battalion, कोलकाता में पोस्टेड है. वेंकटेश ने अपने सीनियर इंस्पेक्टर को फ़ोन किया और उन्हें दुर्घटना की जानकारी दी. वाट्सऐप के ज़रिए उन्होंने NDRF कंट्रोल रूम को लाइव लोकेशन भेजा और पहली रेस्क्यू टीम इसी के ज़रिए दुर्घटनास्थल पर पहुंची.
वेंकटेश ने बताया, ‘मैंने ज़ोरदार झटका महसूस किया और देखा कि कोच के कुछ लोग नीचे गिर गए हैं. मैंने पहले यात्री को बाहर निकाला और एक दुकान के पास बैठाया. इसके बाद मैं दूसरों की मदद करने के लिए भागा.’
वेंकटेश ने बताया कि स्थानीय निवासी, एक मेडिकल दुकान वाले रियल हीरोज़ हैं और उन्होंने दुर्घटना का शिकार हुए यात्रियों की हर संभव मदद की.
NDRF के एक अधिकारी ने बताया, ‘जवान वेंकटेश कोरोमंडल एक्स्प्रेस से यात्रा कर रहा था और तमिलनाडु स्थित अपने घर जा रहा था. उसने कोलकाता में अपने सीनियर्स को फ़ोन किया. यही फ़ोन कॉल सबसे पहली सूचना थी. इसके बाद NDRF ने स्थानीय प्रशासन को भी सूचित किया.’
वेंकटेश ने BSF से 2021 में NDRF जॉइन किया था. उसने मोबाइल फ़ोन लाइट से यात्रियों की खोज शुरू की और उन्हें सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया. घना अंधेरा था और स्थानीय निवासियों ने भी फ़ोन की लाइट, टॉर्च के ज़रिए बचाव कार्य में सहायता की.
NDRF की पहली रेस्क्यू टीम, ओडिशा राज्य की रेस्क्यू टीम को घटनास्थल तक पहुंचने में तकरीबन 1 घंटा लगा. इस दौरान वेंकटेश ने मासूम ज़िन्दगियां बचाने का हर संभव प्रयास किया.
बीते शुक्रवार को दो पैसेंजर ट्रेन के बीच हुई दुर्घटना में 2300 यात्री सवार थे. बहनगा बाज़ार, बालासोर में ये ट्रेन दुर्घटना हुई. ये राजधानी भुवनेश्वर से 170 किलोमीटर की दूरी पर है.