नवरात्रि में मां दुर्गा को गुड़हल के साथ शमी का पत्ता चढ़ाने से मां दुर्गा की असीम कृपा प्राप्त होती है और सभी संकट दूर होते हैं। साथ ही ग्रह-नक्षत्रों के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है। शास्त्रों में भी नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा को शमी का पत्ता चढ़ाने का विधान बताया गया है।
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ज्योतिष शास्त्र में पेड़ पौधे और वनस्पतियों को भी बेहद चमत्कारी माना गया है। कुछ पेड़-पौधे धार्मिक नजरिए से काफी महत्वपूर्ण होते हैं और ये ग्रह-नक्षत्रों के अशुभ प्रभाव को भी कम करते हैं। इन्हीं पेड़-पौधों में से एक है, शमी का पत्ता। मान्यता है कि नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा पर लाल फूल के साथ अगर शमी का पत्ता भी चढ़ाया जाए तो हर संकट दूर हो जाता है। शास्त्रों में भी नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा का पूजन शमी के पत्तों से करने का विधान बताया गया है। आइए जानते हैं नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा की शमी के पत्ते से कैसे पूजन करना चाहिए…
घर में बनी रहती है सुख-शांति
नवरात्रि में हर दिन मां दुर्गा को लाल गुड़हल का फूल अर्पित करना चाहिए। लाल गुड़हल के फूल से देवी की पूजा का वर्णन विभिन्न पुराणों और शास्त्रों में बताया गया है। लेकिन कम लोगों को पता है कि देवी को शमी का पत्ता भी अत्यंत प्रिय है। नवरात्रि में देवी को गुड़हल और साथ में शमी का बस एक पत्ता हर दिन चढ़ाएं तो मां भगवती की असीम कृपा प्राप्त होती है। शमी का पत्ता माता को अर्पित करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और सभी संकट दूर होते हैं।
शमी के संबंध में यह है कथा
शमी के पत्ते के संबंध में एक कथा भी मिलती है। कथा के अनुसार, महाराज दशरथ को दशहरे के दिन ही शमी के वृक्ष से ही सोने की सिक्कों की प्राप्ति हुई थी। उस समय से ही शमी के वृक्ष की पूजा दशहरे के दिन करने की परंपरा चली आ रही है। साथ ही एक अन्य कथा में वर्णन मिलता है कि भगवान राम ने मां दुर्गा की पूजा के साथ शमी के पेड़ की भी पूजा की थी। मान्यता है कि नवरात्रि के समाप्त होने पर दशमी तिथि के दिन शमी के पेड़ की पूजा करने से घर में धन संपत्ति की वृद्धि होती है और भक्तों की मनोकामनाए शीघ्र पूरी होती हैं।
इस दिशा में लगाएं शमी का पेड़
शमी को बहुत ही चमत्कारी वृक्ष मानते हैं और इसका पेड़ लगाने से देवी-देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसे घर के घर के दक्षिण या पूर्व दिशा में लगाना चाहिए और नियमित इसकी पूजा करनी चाहिए और दीप दिखाना चाहिए। इससे घर में ग्रहों का प्रतिकूल असर कम होता है। शमी के पेड़ लगाने से शनि दोष से भी मुक्ति मिलती है। साथ ही इसके पत्तों से तंत्र-मंत्र और नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव खत्म हो जाता है। विजयादशमी के दिन प्रदोष काल में शमी के वृक्ष की पूजा करनी चाहिए।
रोग-शोक से होती है मुक्ति
तंत्रशास्त्र में ऐसा मानते हैं कि शमी का पत्ता मां दुर्गा को नियमित अर्पित करने से उनकी सहायिका जया और विजया देवी प्रसन्न होती हैं और अपनी कृपा दृष्टि पूरे परिवार पर बनाए रखती हैं। नियमित देवी दुर्गा को शमी का एक पत्ता चढाने से रोक, शोक के साथ आर्थिक परेशानियों से भी मुक्ति मिलती है।