मंडी. हिमाचल प्रदेश के मंडी सदर विधायक और पूर्व मंत्री अनिल शर्मा एक बार फिर चर्चा में हैं. विधानसभा चुनावों से ठीक पहले सदर विधायक का चर्चा में आना लाजिमी भी है. क्योंकि इन चुनावों से पहले यह तय होना है कि अनिल शर्मा भाजपा में रहकर इसी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे या फिर दोबारा से घर वापसी करते हुए कांग्रेस का हाथ थाम लेंगे. इसी उलझन को सुलझाने के लिए अनिल शर्मा बीते दिनों दिल्ली गए हुए थे और वहां से लौटने के बाद उन्होंने मंडी में न्यूज18 से एक्सक्लूसिव बातचीत की.
अनिल शर्मा ने बताया कि उन्हें दोनों की पार्टियों की तरफ से ऑफर है. अब वे सदर की जनता के बीच जाएंगे और जनता ही यह तय करेगी कि किस दल से चुनाव लड़ना है. इस मामले में सदर की जनता उनका मार्गदर्शन करके दिवंगत पंडित सुखराम को अपनी सच्ची श्रद्धांजलि देगी. अनिल शर्मा ने बताया कि दिल्ली में उनकी मुलाकात प्रियंका गांधी और जगत प्रकाश नड्डा से हुई है.
प्रियंका गांधी के समक्ष उन्होंने स्पष्ट कहा है कि उनके परिवार के साथ पार्टी में पहले जो हुआ वो भविष्य में नहीं होना चाहिए, इसलिए यदि वे कांग्रेस में वापिस आते हैं तो उन्हें फ्री हैंड दिया जाए और वे किसी के दबाव में काम नहीं करेंगे.
उन्होंने भाजपा के सामने भी शर्त रखी है कि भाजपा सदर की जनता का मान-सम्मान बहाल करे, जोकि मौजूदा सरकार में नहीं मिला है. उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने को लेकर सोशल मीडिया पर चल रही खबरों का भी खंडन किया. अनिल शर्मा ने कहा कि वे जिस भी दल में जाएंगे तो यह फैसला सरेआम होगा ना कि बंद कमरे में. जयराम ठाकुर को लेकर पूछे गए सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में मंडी को बड़ी सौगात मिली थी और विकास के अनेकों काम हो सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. सेरी मंच पर सीएम के समक्ष मेरी जो बेईज्जती की गई, उसे वे रोक सकते थे. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. जब भी उनका फोन आता है तो मैं उस कार्यक्रम में चला जाता हूं
कौन हैं अनिल शर्मा
अनिल शर्मा मंडी सदर से भाजपा विधायक हैं. वह कांग्रेस के दिग्गज दिवंगत नेता पंडित सुखराम के बेटे हैं. 2019 में अनिल शर्मा के बेटे आश्रय शर्मा के कांग्रेस में जाने और लोकसभा चुनाव लड़ने के बाद अनिल शर्मा को मंत्रीपद से इस्तीफा देना पड़ा था. तब से अनिल शर्मा हाशिये पर चल रहे हैं.