आरटीआई यानी सूचना का अधिकार जब से आया है तब से अधिकारियों की मनमानी पर निसंदेह अंकुश लगा है | कुछ गलत करने से पहले अधिकारी दस बार सूचना के अधिकार के बारे में सोचता है और फिर अपना इरादा बदल देता है | यही वजह है कि आरटीआई के कारण जहाँ एक और कई भ्र्ष्टाचार उजागर हुए है वहीँ भ्र्ष्टाचार के मामले भी उजागर हुए हैं | आरटीई के कारण प्रत्येक सरकारी काम में पारदर्शिता आ चुकी है | सोलन की जनता भी आरटीआई के प्रति बेहद सजग है और वह अपने अधिकार को किस तरह उपयोग कर सकते है यह भी उन्हें भली भाँती जानकारी है | यह बात कानून अधिकारी मनोज चौहान ने मीडिया को दी |
कानून अधिकारी मनोज चौहान (MANOJ CHAUHAN SOLAN) ने बताया कि आरटीआई के माध्यम से अधिकारियों को सूचना एक तह सीमा के भीतर उपलब्ध करवानी ही होती है | वह जानकारी उपलब्ध करवाने में आनाकानी नहीं कर सकता है | अगर वह समय रहते जानकारी उपलब्ध नहीं करवाता है तो उसे नियमानुसार दंड भी लगाया जा सकता है | उन्होंने बताया कि देश की सुरक्षा और निजी जानकारी को छोड़ कर अधिकारियों से किसी भी तरह की जानकारी हासिल की जा सकती है | उन्होंने बताया कि यह अधिकार इस लिए दिया गया है ताकि अधिकारी अपनी मनमानी न कर सकें और वह भी नियमों का पालन करें |
2020-12-22