Oman Job Fraud: ओमान में बंधक बनी महिला बिहार लौटी, लेकिन उसकी चुप्पी में दफन हैं जॉब फ्रॉड के सारे राज

Oman Job Fraud: नौकरी के नाम पर ओमान में बंधक बना ली गई महिला अब बिहार लौट आई है। लेकिन वो दिल्ली से ओमान कैसे पहुंच गई और फिर कैसे वो दलालों के चंगुल से भागकर वापस दूतावास पहुंची, ये सब एक राज है क्योंकि महिला लौटने के बाद भी बिल्कुल चुप है।

 
oman
नई दिल्ली: जमुई की 30 वर्षीय गर्भवती महिला, जो नौकरी के नाम पर ओमान जाकर बंधक बना ली गई, के मामले का पटाक्षेप हो गया है। महिला भारतीय दूतावास की मदद से जमुई लौट आई है। मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को 18 अगस्त को महिला को अदालत में पेश करने का निर्देश दिया । महिला के पति ने टाइम्स न्यूज नेटवर्क को बताया कि वह उस जगह से भाग गई जहां उसे ओमान में बंदी बनाया गया था। उन्होंने कहा ‘मेरी पत्नी 28 जुलाई को दिल्ली लौटी और फिर घर आ गई। लेकिन उसने ज्यादा बात नहीं की है। कुछ अन्य महिलाएं जिन्हें उसके साथ ओमान ले जाया गया था, अभी भी वहां छिपी हुई हैं।’

ओमान में बंधक बनाई गई महिला बिहार लौटी
महिला के पति का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील लोकेश अहलावत ने कहा, ‘महिला अधिकारियों की मदद से अपने घर पहुंच गई है। वह दूतावास तक कैसे पहुंची और वह किन हालात से गुजरी, यह पुलिस को उसका बयान देने के बाद ही स्पष्ट होगा। दिल्ली पुलिस को 18 अगस्त को उसे अदालत में पेश करने का निर्देश दिया गया है। तब चीजें स्पष्ट हो जाएंगी।’

ऐसे शुरू हुई कहानी
कहानी शुरू होती है 10 अप्रैल 2022 से। बिहार के जमुई में रहने वाली 30 साल की गर्भवती महिला के फोन की घंटी बजती है। दूसरी तरफ से उसे पहाड़गंज, दिल्ली के होटल में नौकरी का ऑफर दिया जाता है। 26 मई को वह घर छोड़ देती है। 29 मई को ट्रेन से दिल्ली पहुंच जाती है। यहां से वह अपने पति को फोन पर सूचना देती है कि वह पहाड़गंज में दुर्गा मंदिर के पास एक होटल में है। लेकिन 8 जून को महिला अपने पति को एक ऑडियो संदेश भेजती है कि वह ओमान में बंधक है।

  • jeffrey-dahmer-serial-killer-photo-and-story

    अमेरिका का जेफ्री डामर वो खूंखार हत्यारा था जिसने पहली बार सिर्फ 18 साल की उम्र में हत्या की थी। इसके बाद उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। लेकिन वो जेलब्रेक कर भाग निकला। इसके बाद तो उसने जो किया उसके बारे में जानकर आप हिल जाएंगे। जेफ्री के निशाने पर महिलाएं होती थीं। पहले वो उनके साथ रेप करता और फिर उन्हें माकर उनका मांस खाता था। उसने 17 पुरुषों को भी मौत के घाट उतारा था। जब वो इन मर्डर के आरोप में पकड़ा गया तो पता चला कि वो पर्सनालिटी डिसऑर्डर नाम की बीमारी का शिकार था। जज ने उसके इस खूंखार, वहशी करतूतों के बारे में जान जेफ्री को 900 साल की सजा सुनाई। लेकिन जेल में ही किसी कैदी ने उसका मर्डर कर दिया।

  • ted-bundy-serial-killer-photo-and-story

    टेड बंडी भी अमेरिका का ही रहनेवाला था। 70 के दशक में उसका खौफ कॉलेज जाने वाली लड़कियों के बीच पसर गया था। वो कॉलेज स्टूडेंट का रेप करने के बाद उनकी हत्या कर देता था। टेड कितना वहशी था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता था कि उसके क्राइम रिकॉर्ड में 36 लड़कियों की हत्या दर्ज थी। लेकिन उसने इससे कहीं ज्यादा मर्डर किए थे जिसकी जानकारी ही नहीं मिली। टेड बंडी एक बार जेल से फरार भी हो गया। लेकिन जब आखिरी बार वो अमेरिकी पुलिस के हत्थे चढ़ा तो उसके केस का ट्रायल टीवी पर दिखाया गया। आखिर में उसे सजा के तौर पर बिजली वाली कुर्सी पर बिठाकर मार दिया गया।

    जैक द रिपर लंदन का वो खूंखार सीरियल किलर था, जिसका असली नाम लोगों को आज तक नहीं पता। इसके निशाने पर सिर्फ वेश्याएं रहती थीं। सन 1800 के आसपास जैक द रिपर वेश्याओं के लिए मौत का दूसरा नाम बन गया था। वो हत्या करने के बाद शरीर के हर टुकड़े को काट कर अलग कर देता था और फिर पुलिस को चिट्ठी लिखकर अपने जुर्म का ब्यौरा देता था। आखिर तक पुलिस इस हत्यारे को ढूंढ नहीं पाई और जैक द रिपर का राज दफन हो गया।

    पेड्रो एलोंसो लोपेज वो खूंखार अपराधी था जिसके जुर्म को जान पुलिस भी कांप गई थी। कोलंबिया, इक्वाडोर और पेरू में पेड्रो ने एक दो नहीं बल्कि पूरे 300 कत्ल किए थे। 80 के दशक में जब ये पकड़ा गया था तो पुलिस ने इसकी निशानदेही पर 50 लड़कियों की लाश बरामद की थी। पेड्रो का इतना खौफ था कि उसे Monster Of Andes कहा जाने लगा था। इतने मर्डर के बाद भी उसे सिर्फ 20 साल की सजा हुई। इसके बाद पेड्रो रिहा हो गया। बाकी जिंदगी पेड्रो गुमनामी के अंधेरों में ही रहा और किसी को उसका पता नहीं चला।

    डॉक्टर डेथ का असली नाम हेरॉल्ड फ्रेडरिक शिपमैन था। हेरॉल्ड पेशे से डॉक्टर ही था मगर सनकी। वो 1972 से 1998 तक लंदन में ही डॉक्टरी करता था। लेकिन इसी बीच उसने अपने 218 मरीजों का ही मर्डर कर दिया था। जब कुछ लोगों ने उसके बारे में पुलिस को जानकारी दी, तब जाकर उसकी हैवानियत का खुलासा हुआ। कहा तो जाता है कि 218 मर्डर सिर्फ रिकॉर्ड पर थे, उसने कितनी हत्याएं की थी इसकी गिनती खुद डॉक्टर डेथ को भी नहीं मालूम थी। उसे उम्रकैद की सजा हुई थी लेकिन उसने जेल में ही आत्महत्या कर ली।

दिल्ली से ओमान कैसे पहुंची महिला
महिला सेंट्रल दिल्ली के एक होटल से ओमान कैसे और किस हाल में पहुंची, यह साफ नहीं है। महिला के साथ उसके पति को भी नौकरी का आश्वासन मिला था लेकिन उसके पास अब तक कॉल नहीं आई। जब पति ने पत्नी की रिकॉर्डिंग सुनी तो घबराकर थाने पहुंच गया। महिला ने पति को बताया कि ओमान में उसके साथ 10 अन्य महिलाओं को भी बंधक बनाकर रखा गया है। उसने बताया कि वहां उसके साथ जानवरों की तरह बर्ताव किया जा रहा है और बासी भोजन खाने को दिया जा रहा है। अब किसी तरह महिला वहां से बचकर घर लौट पाई है।