3 डॉक्टरों का मेडिकल बोर्ड इस मामले की जांच कर रहा है.
जमशेदपुर. झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला के कीताडीह निवासी गंगाधर सिंह की आंख की जांच के लिए उन्हें एमजीएम अस्पताल लाया गया. गंगाधर के साथ उनके बेटे और माझी परगना महाल के बहादुर सोरन भी साथ में थे. मेडिकल बोर्ड में शामिल तीन सदस्यीय डॉक्टरों की टीम ने गंगाधर की आंख की जांच की. टीम में नेत्र रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. एमएम जमाल, डॉ. अजय कुमार और सर्जन डॉ. सरवर आलम शामिल हैं. जांच में क्या सामने आया, इसके बारे में मेडिकल बोर्ड फिलहाल कुछ भी बताने से परहेज कर रहा है, क्योंकि मामले में पुलिस की जांच चल रही है.
दरअसल गंगाधर सिंह के मोतियाबिंद का ऑपरेशन जमशेदपुर के केसीसी आई हॉस्पिटल में हुआ था. उसके बाद उसकी एक आंख की रोशनी नहीं लौटी, बल्कि उसके आंख से कांच की गोली निकली है. ऑपरेशन से पहले आंख से जो कुछ धुंधला दिखाई देता था, ऑपरेशन के बाद पूरी तरह दिखाई देना बंद हो गया.
गंगाधर सिंह समेत कुल आठ लोगों के आंखों के ऑपरेशन के लिए 18 नवंबर 2021 को केसीसी आई हॉस्पिटल जमशेदपुर में हुआ था. ऑपरेशन के बाद जब गंगाधर सिंह घर लौटे तो लगातार उनकी बाईं आंख में दर्द हो रहा था. परिवारवालों ने अस्पताल से संपर्क किया तो दो माह तक गंगाधर सिंह को बिना परिवार के अकेले अस्पताल में इलाज किया गया. उसके बाद उसे घर भेज दिया गया था. जिसके बाद घर में आकर आंख मलने के दौरान आंख से कांच की गोली निकलकर जमीन पर गिर गई, तब पता चला कि उनकी आंख निकाल ली गई है. और उसके जगह कांच की गोली लगा दी गई है.
हालांकि केसीसी आई हॉस्पिटल के मालिक जितेंद्र शर्मा ने इन सारे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है और कहा कि बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं. मामले में पीड़िता की शिकायत पर पुलिस जांच कर रही है. एमजीएम अस्पताल के 3 डॉक्टरों को लेकर मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है. मेडिकल बोर्ड अपनी रिपोर्ट पुलिस को सौंपेगा, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.