शिमला, 09 अक्तूबर : 14 करोड़ रुपए का खर्चा। उदघाटन के 52 दिन बाद ही ठियोग अस्पताल के निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। ये ही नहीं, परिसर से गुजरने वालों को हर वक्त सिर पर भारी टाइल या अन्य सामग्री के गिरने का खतरा बना रहता है।
ये हम नहीं कह रहे, भवन में कथित तौर पर इस्तेमाल की गई घटिया सामग्री से जुड़ा एक वीडियो वायरल हुआ हैं। इसमें साफ तौर पर ये इल्जाम लगाया जा रहा है कि घटिया से भी घटिया सामग्री का इस्तेमाल हुआ है।
आरोप ये भी है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को इस बात का आभास था कि निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल हुआ है, लिहाजा उन्होंने परिसर में आकर उदघाटन करने की बजाय ठियोग में ही बैठकर लोकार्पण कर दिया।
वीडियो में साफ तौर पर दिखाया जा रहा है कि भवन की टाइलें उखड़ कर गिर रही हैं। यदि ये दुर्भाग्यवश किसी पर गिरती तो बड़ा हादसा हो सकता था। भवन के कई अन्य हिस्सों की भी खस्ताहालत का वृतांत वीडियो में किया गया है।
गौरतलब है कि सरकार ने ठियोग अस्पताल का दर्जा 200 बैड करने का ऐलान किया था। इसी के मद्देनजर 14 करोड़ रुपए खर्च कर इमारत का निर्माण किया गया। मुख्यमंत्री ने ठियोग उत्सव की अध्यक्षता के दौरान निर्वाचन क्षेत्र को कई सौगातें देने का ऐलान किया था। घोषणाओं की झड़ी लगा दी गई थी।
यदि वायरल हो रहे वीडियो में सच्चाई है तो निश्चित तौर पर निर्माण कार्य में बड़े स्तर पर घोटाला हुआ है। सवाल इस बात पर भी है कि क्या इस वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए सरकार उच्च स्तरीय टीम से निर्माण कार्य की जांच करवाएगी या नहीं।
वीडियो में ये भी आरोप है कि कथित घोटाले में लोक निर्माण विभाग के निचले स्तर से ऊपर तक अधिकारी व कर्मचारियों ने मिलीभगत से घोटाले को अंजाम दिया है।
गंभीर मसला ये है कि अस्पताल में मरीज बीमारी के इलाज के लिए आते हैं। परिसर के मौजूदा हालात में कहीं खुद जख्मी न हो जाएं। ऊंची इमारत तो बना दी गई है, प्रश्न ये भी है कि क्या इसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती भी हुई है या नहीं।
इस संवेदनशील मामले में एमबीएम न्यूज नेटवर्क को विभागीय पक्ष नहीं मिला है। मिलने की स्थिति में प्रकाशित किया जा सकता है।