12वीं कक्षा में फेल हुए थे सैयद रियाज अहमद
कई सारे लोग ऐसे होते हैं जिनका बचपन से ही देश की सेवा करने का बड़ा ऑफिसर बनने का सपना होता है। स्कूल में कई बार हमें टीर्चस से ऐसी डांट पड़ जाती है, जो हमारे मनोबल हिला कर रख देती है। आज हम आपको एक ऐसे ऑफिसर की कहानी बताएंगे, जिनके लिए उनकी टीचर की डांट ने टॉनिक की तरह काम किया।
हम बात कर रहे हैं आईएएस ऑफिसर सैयद रियाज अहमद की। जानकारी के अनुसार, आईएएस ऑफिसर सैयद रियाज अहमद 12वीं में फेल हुए थे, जिसके बाद उनकी टीचर ने उनके पिता के सामने कहा था कि उनका बेटा जीरो है जीरो। टीचर ने कहा था कि रियाज जीवन में कुछ नहीं कर पाएगा। वहीं, उनके पिता ने उनका मनोबल बढ़ाया और टीचर को इस बात का भरोसा दिलाया कि ये जीवन में बड़ा काम करेगा।
बता दें कि सैयद रियाज अहमद (Sayyed Riyaz Ahmed) का जन्म बेहद साधारण परिवार में हुआ था। सैयद के पिता सरकारी विभाग में चतुर्थ श्रेणी के कर्मी थे और परिवार चलाने के लिए वह अपने खेतों में भी काम किया करते थे। सैयद बचपन से पढ़ाई से दूर भागते थे। वहीं, 12वीं में फेल होने के बाद उनके टीचर व गांव के लोग सैयद का मजाक उड़ाया करते थे, उनके पिता के समर्थन ने उन्हें प्रोत्साहित किया और वह फिर पढ़ाई में जुट गए।
सैयद दो बार परीक्षा के प्री एग्जाम में फेल हुए। फिर, तीसरी बार उन्होंने प्री क्लेयर कर लिया, लेकिन मेंस में फेल हो गए। इसके बाद लोगों ने उन्हें ताने देना शुरू कर दिए थे। परिवार की आर्थिक चुनौतियों और लोगों को तानों के चलते अब सैयद परीक्षा नहीं देना चाहते थे, लेकिन सैयद के पिता ने हार नहीं मानी। उन्होंने सैयद का आत्मविश्वास बढ़ाया और उन्होंने कहा कि वे सैयद की पढ़ाई के लिए अपना घर तक बेच देंगे। उन्होंने सैयद से कहा कि तुम ऑफिसर बनो ये मेरा सपना है। इसके बाद सैयद ने फिर से परीक्षा दी और इस बार फिर वे असफल रहे।
इसके बाद फिर उन्होंने स्टेट सर्विसेज का एग्जाम दिया और फॉरेस्ट ऑफिसर का पद संभाला। वन विभाग में अधिकारी बनने के बाद भी सैयद ने हार नहीं मानी, आखिरी में उन्होंने 2018 में फिर एग्जाम दिया और इस बार यूपीएससी में 261वीं रैंक हासिल कर अपने पिता का सपना पूरा किया।