शिव जी का धतूरे से गहरा संबंध है. कहते हैं समुद्र मंथन से निकले विष पीने के बाद शिव बैचेन हो गए थे, उनकी व्याकुलता दूर करने के देवताओं ने धतूरे, बेलपत्र की औषधि बनाकर उन्हें पिलाई थी. उसके बाद से ही भोलेनाथ की पूजा में धतूरा आवश्यक माना जाने लगा
महाशिवरात्रि के दिन निशिता काल में काले धतूरे के फूल भोलेनाथ की पूजा करें. मान्यता है इससे सुख-शांति आती है. आर्थिक समास्या का समाधान होता है.
महाशिवरात्रि के दिन काले धतूरे को फोड़कर उसका फल शिवलिंग पर अर्पित करें. फिर गंगाजल से धारा बनाकर 1008 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें. कहते हैं कि नौकरी और व्यापार में उन्नति के लिए ये उपाय बहुत लाभकारी माना जाता है.
महाशिवरात्रि के दिन घर में काले धतूरे का पौधा लगाने पर शिव जी कृपा पूरे परिवार बरसती है. घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है.
शनि दोष के चलते तरक्की प्रभावित हो रही है या बार-बार काम बिगड़ रहे हैं तो महाशिवरात्रि के दिन काले धतूरे के पेड़ की जड़ का छोटा सा टुकाड़ा अपने दाएं हाथ का गले में धारण कर लें. कहते हैं कि इससे की ये जड़ शनि की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में मोड़ने का कार्य करती हैं