24 व 26 सितंबर को तहसील व उप तहसीलों में ठप्प रहेंगे कामकाज, ये वजह

शिमला 23 सितंबर : सरकार द्वारा मांगे न मानने पर सभी राजस्व अधिकारी 24 व 26 सितंबर को विरोध स्वरूप सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। हिमाचल प्रदेश राजस्व अधिकारी संघ  महासचिव एवं तहसीलदार जुन्गा  हीरा लाल घेज्टा ने बताया कि यह निर्णय बीते कल राजस्व अधिकारी की एक बैठक में लिया गया है। जिसमें प्रदेश में कार्यरत सभी जिला राजस्व अधिकारी, तहसीलदार और नायब तहसील 24 व 26 सितंबर को सामूहिक अवकाश जाएंगे।

              घेज्टा ने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि 22 सितंबर को मंत्रिमंडल की बैठक में उनकी मांग पर सरकार मुहर लगाएगी परंतु ऐसा न होने पर -संघ ने विरोध स्वरूप सामूहिक अवकाश पर जाने का फैसला लिया गया है। गौर रहे कि राजस्व अधिकारियों के  सामूहिक अवकाश पर जाने से तहसील व उप तहसीलों में कामकाज ठप्प रहेगा जिससे लोगों को काफी परेशानी पेश आएगी ।

           बता दें बीते 15 दिनों  से प्रदेश के सभी राजस्व अधिकारी काले बिल्ले लगाकर अपना विरोध प्रकट कर रहे हैं। एचएल घेज्टा ने बताया कि राजस्व अधिकारियों की बहुत ही जायज  मांगें काफी अर्से से सरकार के पास लंबित पड़ी है जिस पर सरकार द्वारा कोई भी निर्णय नहीं लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि संघ की सबसे बड़ी मांग फील्ड में तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों को  वाहन उपलब्ध करवाना है। इनका कहना है कि वाहन न होने के कारण आपातकालीन स्थिति में मौके पर जाना कठिन हो जाता है।

          बताया कि  संघ ने हरियाणा की तर्ज पर प्रदेश के सभी तहसीलदार व नायब तहसीलदारों को सरकारी वाहन उपलब्ध करवाने की मांग की गई है। इसी प्रकार प्रशासनिक सेवाओं में पदोन्नति के लिए अन्य राज्यों की तर्ज पर 35 प्रतिशत कोटा, तथा  राजस्व अधिकारियों के रिक्त पड़े पदों को भरने ,तथा पंजीकरण भत्ता 5000 हजार करने की सरकार से मांग की गई है।

            उन्होने बताया कि  संघ द्वारा एक्स काडर की एलएओ और वसूली आदि के पदों को जिला राजस्व अधिकारी के समकक्ष, ग्रेड पे पूर्ववत बहाल करने तथा तहसील व उप तहसीलों में कर्मचारियों के रिक्त पड़े पदों को भरने का सरकार से आग्रह किया गया है। संघ ने राजस्व अधिकारियों को मोबाईल तथा आतिथ्य भत्ता एक समान देने की मांग की गई है। संघ के पदाधिकारियों ने सरकार से मांग की गई  है। संघ ने सरकार से आग्रह किया है कि उनकी मांगों पर सहानुभूति विचार किया जाए ताकि राजस्व अधिकारी अपने दायित्व का बखूबी से निर्वहन कर सके ।