मंडी, 31 अगस्त : पठानकोट-चक्की-मंडी फोरलेन निर्माण के पांचवे चरण में मंडी से नारला तक बनने वाले टू लेन की जद में आ रहे प्रभावित जमीनों का उचित मुआवजा ना मिलने पर प्रदेश सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आये है। बुधवार को प्रभावितों ने फोरलेन समन्वय समिति के बैनर तले विक्टोरिया पुल से लेकर उपायुक्त कार्यालय तक रैली निकालकर 4 गुना मुआवजे की मांग उठाई।
इस मौके पर फोरलेन समन्वय समिति ने उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी के माध्यम से प्रदेश सरकार को एक ज्ञापन भी प्रेषित किया। समन्वय समिति अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि उपमंडल प्रशासन द्वारा फोरलेन की जद में आने वाले सैकड़ों किसानों की जमीनों की कीमत का जो मुआवजा दिया जा रहा है, वह तर्कसंगत नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस बारे समन्वय समिति पहले भी जिला प्रशासन के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर मामला उठा चुकी है, लेकिन कोई संज्ञान अभी तक नहीं लिया गया है। फोरलेन की जद में आने वाले प्रभावित परिवारों की जमीनों की जो वैल्यू दर्शाई गई है, उससे सभी प्रभावित परिवार हैरत में हैं।
फोरलेन समन्वय समिति के महासचिव हेम सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार मनमाने तरीके से किसानों की भूमि का अधिग्रहण कर रही है। प्रदेश सरकार द्वारा 2013 अधिनियम को दरकिनार किया जा रहा है और लगातार सर्कल रेट गिराए जा रहे हैं। इस मौके पर प्रभावित किसान कर्म सिंह ने कहा कि जमीन के साथ साथ उनका घर भी फोरलेन की जद में आ रहा है। लेकिन उन्हें जो मुआवजा दिया जा रहा है, उससे विस्थापन के बाद एक बिस्वा भी जमीन नहीं खरीद सकते हैं।
सत्ता में आने से पूर्व प्रदेश सरकार ने किसानों को जमीनों का उचित मुआवजा देने की बात कही थी। लेकिन अब सरकार सर्कल रेट गिराकर किसानों की जमीन कौड़ियों के भाव खरीद रही है। प्रभावितों का कहना है कि सरकार जल्द उनकी जमीनों का उचित मुआवजा नहीं देती है तो आने वाले विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करने पर मजबूर होंगे।