मन से की गई कोशिश से कठिन लक्ष्य को भी प्राप्त किया जा सकता है. इस बात को विजय सिंह गुर्जर ने बहुत अच्छे से साबित किया है. एक साधारण किसान परिवार से संबंध रखने वाले विजय के परिवार वाले बस इतना चाहते थे कि उन्हें अध्यापक की नौकरी मिल जाए, जिससे परिवार की आर्थिक मदद हो सके लेकिन विजय ने अपनी मेहनत के दम पर वो कर दिखाया जिसकी किसी ने उम्मीद भी नहीं की थी. उन्होंने पहले दिल्ली पुलिस कॉन्स्टेबल की नौकरी प्राप्त की और फिर वहां से आईपीएस बनने का सफर तय किया.
राजस्थान के एक गांव से संबंध रखने वाले विजय ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल से प्राप्त की. विजय अपने पिता की मदद करने के लिए पढ़ाई के दिनों से ही खेतों में काम करते आ रहे हैं. 2009 में जब विजय ने संस्कृत विषय से बैचलर्स की डिग्री प्राप्त की तब उनके पिता ने उन्हें अध्यापक बनने की सलाह दी. उनका मानना था कि ग्रेजुएशन के बाद अध्यापक की नौकरी आसानी से मिल सकती है. अपने पिता की बात मान कर विजय ने भी शिक्षक भर्ती के साथ साथ सेना की भर्ती तथा राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल की भर्ती के लिए परीक्षाएं दीं लेकिन वो सफल ना हो सके.
एक सामान्य परिवार के कमाऊ सपूत के लिए ऐसा मौका हाथ से जाने देना हर किसी के समझ से बाहर की बात है लेकिन विजय को खुद पर भरोसा था. यूपीएससी की परीक्षा के दौरान भी वह अन्य परीक्षाएं देते रहे और उनमें सफल भी हुए. एसएससी की परीक्षा पास कर उन्होंने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में नौकरी प्राप्त की. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नौकरी के दौरान उन्हें तैयारी के लिए अधिक समय मिलने लगा.
विजय बताते हैं कि उन्हें अपनी यूपीएससी की तैयारी के दौरान कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा. इस दौरान वह कई बार असफल भी हुए लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. 2016 में तो विजय यूपीएससी परीक्षा पास कर इंटरव्यू राउंड तक पहुंच गए थे लेकिन यहां भी उनके हाथ असफलता लगी. वो जितनी बार असफल हुए उन्होंने अपनी मेहनत उतनी ही बढ़ा दी. आखिरकार उनकी मेहनत और जज्बे के सामने असफलताओं को भी हार माननी पड़ी और 2017 में उन्होंने 574वीं रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा पास कर ली.
IPS विजय सिंह गुर्जर द्वारा दसवीं, बारहवीं और ग्रेजुएशन में प्राप्त अंक देख कर आप कह सकते हैं कि वह हमेशा से स्कूल, कॉलेज टॉपर नहीं रहे हैं. दसवीं में उन्हें सेकेंड डिवीजन से 54.5%, 12वीं में 67.23% और ग्रेजुएशन में संस्कृत विषय में 54.5% अंक ही प्राप्त हुए थे. लेकिन उन्होंने कड़ी मेहनत की और अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लिया. विजय सिंह गुर्जर से ये सीखा जा सकता है कि एक एवरेज स्टूडेंट भी कैसे मेहनत और अच्छी स्ट्रेटजी द्वारा सफलता प्राप्त कर सकता है.