हिमाचल का दिल कसौली , जो अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। यहाँ पर्यटक बहुत संख्या में आते है। लेकिन अब कसौली की सुंदरता को ग्रहण लगना आरम्भ हो गया है। ऐसा हम इस लिए कह रहे है क्योंकि कसौली के प्रवेश द्वार गढ़खल में फैली गंदगी उनका सबसे पहले स्वागत करती है। गंदगी के इस सम्राज्य को पंचायत द्वारा टीन लगा कर ढक दिया गया है। लेकिन इस कूड़े को किस तरह ठिकाने लगाया जाए इस बारे में कोई योजना पंचायत के पास नहीं है। अगर इस ओर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में यहाँ कूड़े कचरे का कृत्रिम पहाड़ भी देखने को मिल सकता है। जिला प्रशासन को चाहिए कि इस ओर कुछ ध्यान दें। अन्यथा जिस तरह सलोगड़ा में बनी डंपिग साइट वहां के गानवासियों के लिए सरदर्द बनी है वही हाल गढ़खल वासियों का हो सकता है | पर्यटकों के आगे स्थानीय लोगों को शर्मसार भी होना पड़ेगा।
जब इस बारे में गढ़खल पंचायत की प्रधान मोना भारद्वाज ने बताया कि स्थानीय लोगों द्वारा जो स्थान कूड़े की डम्पिंग के लिए चुना गया था उस स्थान पर ही कूड़े को फेंका जा रहा है। उन्होंने बताया कि पिछली पंचायत के प्रतिनिधियों द्वारा यह व्यवस्था आरम्भ की गई थी। जिसमे उनके द्वारा कच्ची दीवारें लगाई गई थी जो ढह चुकी है और जिसकी वजह से कूड़ा फ़ैल रहा है। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था को दुरुस्त करने का प्रयास किया जा रहा है। जल्द कोई उपयुक्त स्थान देख कर इस कूड़े को वहां डंप किया जाएगा। जब उनसे पूछा गया कि पशु इस कूड़े को खा रहे हैं तो उन्होंने गाँववासियों से आग्रह किया है कि वह अपने पशुओं को बाँध कर रखें और उन्हें इस डम्पिंग साइट तक न आने दें।