बारिश के बहाने: जब रूह को भिगोती फुहारें और सीली-सीली सी हवा भीगी-भागी सी घूमती है..!

हमने मौसमों को जीना छोड़ दिया है। बिना आंगन के घरों में किसी भी मौसम के आने-जाने का अब कोई असर नहीं जान पड़ता है। हमारी आपकी जिंदगी में मौसम एक बटन बन गया है। गर्मी लगी तो बटन आन कर के पंखा या एसी चला लिया।

यह जो बादल हैं न। यह हजारों किलोमीटर दूर का सफर कर के बरसने के लिए आते हैं। इन बादलों के रंगों को महसूस कीजिए।

हमने मौसमों को जीना छोड़ दिया है। बिना आंगन के घरों में किसी भी मौसम के आने-जाने का अब कोई असर नहीं जान पड़ता है। हमारी आपकी जिंदगी में मौसम एक बटन बन गया है। गर्मी लगी तो बटन आन कर के पंखा या एसी चला लिया। सर्दी लगी तो बटन दबा कर ब्लोवर चला दिया। बस इतना भर एहसास बचा है हमारी जिंदगी में मौसमों का। इस बार आप थोड़ा सा वक्त निकाल कर बारिश के इस मौसम को इंज्वाय कीजिए। थोड़ा आनंदित होइए। महसूस कीजिए बारिश की बूंदों को। भीगी-भीगी सी हवा को। सफेद, भूरे, काले बादलों को देख कर उनकी अनुभूति लीजिए।

ऋतुराज बसंत के आते ही मन में उमंग और उल्लास के बादल घुमड़ने लगते हैं, लेकिन बरसते वह बरखा में ही हैं। बारिश का मौसम कुछ ऐसी ही खुशियां ले कर आता है, जब सब कुछ हरा भरा हो जाता है। मन भी खुश रहता है। बारिश के मौसम में हवा भी बहुत मस्तानी हो जाती है। सीली-सीली सी हवा गली-गली, शहर-शहर, गांव-देहात, खेत-खलिहान और बाग-बगीचे तक घूमती फिरती है। मस्तानी हवा आप की खड़की पर भी दस्तक देती है।

परदा हटा कर देखिए। वह आप के कान में सरगोशी करती सी दिखती है। मानो कह रही हो बारिश के दिन हैं। रास-रंग मनाओ। खुश हो लो। मस्ती में झूम लो। बारिश के मौसम के आने का कुछ ऐसा ही असर होता है। हवा हर तरफ गाती गुनगुनाती घूम रही है। गीली गीली सी हवा अपने साथ माटी की खुशबू लपेटे पूरे माहौल को उस से भर दे रही है। मौसम में ठंडापन आ गया है। उस में एक अजीब सी खुमारी आ गई है।

बसंत के बाद बरखा का मौसम ही ऐसा है जो जीवन को उल्लास से भर दे। बारिश के महीने का असर हर सिम्त दिखाई दे रहा है। हर तरफ हरा-भरा सा नजारा है। पेड़ पौधे खिलखिला उठे हैं। उन के पत्तों के रंग चटख हो गए हैं। जब बारिश हो रही होती है तो बूंदों के बीच झूमते नृत्य करते इन पेड़ों को देखिए, महसूस कीजिए। आप को प्रकृति का यह सौंदर्य अद्भुत लगेगा। महसूस कीजिए कि यह नन्हीं बूंदें कैसे सब कुछ बदल देती हैं।  

यह जो बादल हैं न। यह हजारों किलोमीटर दूर का सफर कर के बरसने के लिए आते हैं। इन बादलों के रंगों को महसूस कीजिए। देखिए यह भूरे काले से बादल। कितने सुंदर हैं। ऐसा लगता है जैसे किसी रूपसी का आंचल है। जो हवा के साथ लहराता चला आ रहा है। धीरे-धीरे। आहिस्ता-आहिस्ता। जिसका न कोई ओर है और न कोई छोर है। धीरे-धीरे यह आंचल सूरज को ढक लेता है। सूरज की सारी गर्मी को पी लेता है

तपिश खत्म हो जाती है। गर्मी कम हो जाती है। बादलों के आ जाने से धरती को राहत मिलती है। पेड़-पौधों को आराम मिलता है। आप भी इसे महसूस कीजिए। कैसे बादलों ने सूरज को और फिर पूरे आकाश को अपनी आगोश में भर लिया है। कुदरत के आगे कोई छोटा बड़ा नहीं है। नन्हीं-नन्हीं बूदों से भरा यह बादल विशाल आकाश को भी ढक लेता है। यही कुदरत है, जहां सभी की अपनी भूमिका है। कोई महत्वहीन नहीं है। 

बारिश वातावरण में खुशी और शांति फैलाती है। चेहरे पर मुस्कान ले आती है बरखा। कुदरत की इन फुहारों को इंज्वाए कीजिए।
बारिश वातावरण में खुशी और शांति फैलाती है। चेहरे पर मुस्कान ले आती है बरखा। कुदरत की इन फुहारों को इंज्वाए कीजिए। – फोटो : Istock
यह बादल जीवन के लिए रस लेकर आते हैं। इस रस से यह धरती को भिगो देंगे। यह रस से जीवन खिल उठेगा। यह रस पेड़-पौधों को ही नहीं धरती पर बसे हर जीव को जीवन देते हैं। शायद ही कोई जीव हो जो इन बादलों को देखकर उल्लास से न भरते हों। जीवन के लिए हवा के बाद पानी सबसे जरूरी तत्व है।

मेघ ही जीवन के लिए पानी ले कर आते हैं। जाने कहां-कहां से। घूमते-घामते आते हैं। जीवन के लिए मेह बरसाते हैं। यह मेह धरती की कोख में समा जाता है। तालाब और झीलों में भर जाता है। नदियों में समा जाता है। इस से जीवन को गति मिलती जाती है।  

आप महसूस कीजिए, जब काले काले बादल आते हैं तो कैसे बहुत सारे पशु पक्षी उन का स्वागत करते हैं। मोर की क्याऊं-क्याऊं सुनिए। वह उल्लास से भर जाते हैं। खुशी से नृत्य करने लगते हैं। आप चिड़ियों को देखिए वह आसमान पर पंख फैला कर यूं तैरने लगती हैं, जैसे स्वागत कर रही हों। मेंढक भी ताल-तलैयों में टर्र-टर्र करने लगते हैं। कहते हैं मेंढक बादलों से बारिश की गुजारिश करते हैं।

बारिश वातावरण में खुशी और शांति फैलाती है। चेहरे पर मुस्कान ले आती है बरखा। कुदरत की इन फुहारों को इंज्वाए कीजिए। दोस्तों को बुलाइए उन के साथ बालकनी या लॉन के शेड के नीचे बैठ कर गप्पें लड़ाइए। यह बरखा रानी अपने साथ फुरसत के लम्हे ले कर आती हैं। जब बारिश हो रही हो तो बाहर निकलने के ज्यादातर काम मुलतवी हो जाते हैं। ऐसे फुरसत भरे लम्हे भला कब मिलते हैं। ऐसे में अदरक वाली चाय और पकौड़ों के साथ गप्पें मारना, बहुत मजा देता है। इस मौके का भरपूर आनंद लीजिए। महसूस कीजिए लॉन में छाई खुशहाली को। लॉन की घास पर चमकती बूंदों को देखिए। फूलों पर टपकती बूंदों को उंगली पर लेकर महसूस कीजिए।  
हवा के साथ आती फुहारों को हाथों से छू कर देखिए। यह नन्हीं बूंदें कुदरत का अनुपम उपहार हैं। यह छोटी बूंदे पूरी कायनात को भिगो देती हैं। अपनी आगोश में समेट लेती हैं। जीवन में खुशहाली भर देती हैं। अपने हाथों पर अपने चेहरे पर इन बूंदों की ठंडक को फील कीजिए।

बारिश की भीनी-भीनी महक और ठंडी फुहारें आप को तरोताजा कर देंगी। इन की पवित्रता को महसूस कीजिए। इन की चमक को निहारिए। यह हजारों हजार किलोमीटर का सफर तय करने के बाद आप से मिलने के लिए पहुंची हैं।

घर के बाहर लगे पेड़ के पत्तों पर गिरती बूंदों का यह संगीत अद्भुत है।
बालकनी में खड़े हो कर उन बच्चों को देखिए, जो गड्ढों में जमा पानी में छई छपा छई का खेल खेल रहे हैं। एक दूसरे पर पानी फेंक रहे हैं। घर में मम्मी डाटेंगी, यह उन्हें खूब पता है, लेकिन बारिश के पानी के साथ उनका यह खेल उस मीठी डांटे से भी ज्यादा मीठा है। आप को कुछ बच्चे मेंढक के छोटे-छोटे बच्चों का पीछा करते दिख जाएंगे। यह सब आप ने भी तो किया है।

खिड़की या बालकनी पर खड़े हो कर बाहर की तरफ देखिए। बारिश के संगीत को सुनिए। घर के बाहर लगे पेड़ के पत्तों पर गिरती बूंदों का यह संगीत अद्भुत है। आंखें बंद करके इस संगीत को सुनने की कोशिश कीजिए। मन को बहुत शांति मिलेगी। इन बूंदों का संगीत रात को ज्यादा साफ सुनाई देता है।

बिस्तर पर लेटे हुए गिरती बूंदों का यह संगीत महसूस कीजिए। छतों पर बूंदों के गिरने का संगीत। खिड़की के शीशे पर बूंदों के बिखरने का संगीत। पेड़ों पर हवा के साथ सरसराती बूंदों का संगीत। टिप टिप का यह संगीत अनोखा है। यह बारिश का अद्भुत संगीत है। यह संगीत निराला है। यह संगीत सुमधुर है। यह संगीत जीवन का संगीत है। इस संगीत को कानों को पीने दीजिए। जी लीजिए इस संगीत को। पी लीजिए इस संगीत को।

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