परंपारिक एवं आधुनिक तीरअंदाजी के संरक्षण, संवर्धन और विकास के लिए जिला लाहौल स्पीति तीरअंदाजी संघ का विधिवत गठन कर पंजीकरण किया गया। पूर्व जिप उपाध्यक्ष एवं हायर फांउडेशन के चैयरमेन रिगजिन समफेल हायरपा को संघ का संस्थापक अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। रिगजिन हायरपा पिछले 15 सालों से तीरअंदाजी के संरक्षण व संवर्धन के लिए लगातार प्रयासरत रहे है। हायरपा के प्रयासों के चलते ही स्पीति में अंतर्राज्य तीरअंदाजी प्रतियोगिता का स्पीति में आयोजन संभव हो सका। जिसमें लेह-लदाख की आर्चरी टीम ने भी हिस्सा लिया था। जबकि लाहौल स्पीति की टीमों को भी लदाख में दो बार अंतर्राज्य प्रतियोगिता का आयोजन करवाया। पंरपारिक तीरअंदाजी से निकल कर स्पीति के सकलजंग दोरजे एशियायी खेलों मे स्वर्ण पदक जीत चुके हैं।
उन्होंने 1996 अटलांटा ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधत्व किया है। अध्यक्ष बनने के बाद हायरपा ने कहा कि तीरअंदाजी को परंपारिक खेल से बाहर निकाल कर जनजातीय इलाकों से एक बार फिर राष्टीय तथा अंतराष्टीय स्तर के तीरअंदाज तैयार करना संघ का मुख्य मकसद रहेगा। कहा कि लदाख के मौजूदा लोक सभा संासद जमयांग छेरिंग नमज्ञाल लदाख आर्चरी एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। हायरपा ने कहा कि घाटी के युवाओं को लदाख के तीरअंदाजी के कौच से प्रशिक्षण देने के लिए उनसे बातचीत चल रही है।
कहा कि आने वाले दिनों में लाहौल स्पीति में विभिन्न स्तर पर तीरअंदाजी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। जिला तीरअंदाजी संघ के कार्यकारण प्रकाश महासचिव, छेरिंग यंगफेल और शमशेर गलवा को उपाध्यक्ष की जिमेदारी दी गई है। कलजंग नमज्ञाल को सह सचिव, छेवांग नोरबू कोषाध्यक्ष, अशोक को मीडिया प्रभारी दायित्व दिया गया है। कुंगा ज्ञलसन, तंजिन नोरबू, दिनेश कुमार, राजेंद्र और रणवीर किरपू को कार्यकारणी सदस्य चुना गया है