कभी पिता ने संपत्ति बेचकर बिजनेस के लिए दिए थे ₹13,000, बेटे ने खड़ी कर दी 10,000 करोड़ की कंपनी

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कहते हैं, जो लोग अपने हालातों को किस्मत का लिखा मान लेते हैं उन्हें उतना ही मिलता है जितना औरों से छूट जाता है. दूसरी तरफ मेहनतकश लोग कभी भी किस्मत के भरोसे नहीं बैठते, वो अपनी हर परेशानी से लड़ते हैं और किस्मत को उनका पक्ष लेने पर मजबूर कर देते हैं. आरजी चंद्रमोगन भी एक ऐसा ही नाम है, जिसने अपनी मेहनत के दम पर किस्मत को उनके प्रति उदार होने पर मजबूर कर दिया.

आम लोग शायद ये कल्पना भी नहीं कर सकते कि हजारों रुपये में शुरू किया कोई बिजनेस कुछ सालों में हजारों करोड़ का हो जाएगा. वहीं, चंद्रमोगन ने सिर्फ इस बात की कल्पना ही नहीं की बल्कि उसे पूरा भी कर के दिखाया. इस शख्स ने मात्र 13,000 रुपये से अपने बिजनेस की शुरुआत की और आज इनकी कुल संपत्ति 9600 करोड़ रुपये की है.

ये जानना दिलचस्प होगा कि चंद्रमोगन के लिए एक साधारण से इंसान से देश के 100 टॉप अमीरों की सूची तक पहुंचने का सफर कैसा रहा. 

कौन हैं आरजी चंद्रमोहन?

RG Chandramogan Success Story Twitter

आरजी चंद्रमोगन देश की सबसे बड़ी एग्रो कंपनियों में शुमार हटसन एग्रो प्रोडक्ट के मालिक हैं. चंद्रमोगन की कंपनी हटसन एग्रो को भारत में सबसे बड़ी निजी डेयरी कंपनी होने का खिताब प्राप्त है. आज भारत के 100 सबसे अमीरों में गिने जाने वाले चंद्रमोगन के लिए यहां तक पहुंचना आसान नहीं था. तमिलनाडु के विरुधुनगर जिले के थिरुथंगल में जन्मे चंद्रमोगन को आर्थिक तंगी के कारण अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी. चंद्रमोगन जब 21 साल के हुए तब तक वह अपनी आंखों में एक सफल उद्यमी बनने का सपना सजा चुके थे. वो लगातार अपने इस सपने का पीछा कर रहे थे लेकिन उनकी आर्थिक हर बार उनका रास्ता रोक रही थी.

पिता ने संपत्ति बेच कर दिए थे 13,000 रुपये

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ये साल 1970 था जब चंद्रमोगन ने कुछ अपना शुरू करने का मन बना लिया. दूसरी तरफ परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी थी कि व्यवसाय के लिए पैसे जुटाना में इतना आसान नहीं था. व्यवसाय के लिए चंद्रमोगन को 13,000 रुपये चाहिए थे, जो उन्होंने अपने पिता से मांगे. बेटे के सपने को पूरा करने के लिए उनके पिता ने अपनी संपत्ति बेच दी और उन्हें 13,000 रुपये दिए.

इन्हीं पैसों से शुरू किया था बिजनेस

इसके बाद चंद्रमोगन ने रोयापुरम में 250 वर्ग फुट की जगह किराए पर ली और  तीन कर्मचारियों के साथ हटसन एग्रो प्रोडक्ट्स की स्थापना करते हुए आइसक्रीम कैंडी का बिजनेस शुरू किया. अपने बिजनेस के शुरुआती दिनों के बारे में चंद्रमोगन ने एक इंटरव्यू में बताया था कि, “मैं उन तीन कर्मचारियों, पांडियन, राजेंद्रन और परमशिवन को कभी नहीं भूलूंगा जिन्होंने मुझे आइसक्रीम का पहला बैच बनाने में मदद की.” चंद्रमोगन बताते हैं कि उनके बिजनेस के पहले 10 साल काफी संघर्ष भरे थे.”

संघर्ष के दमपर मिलती रही सफलता

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चंद्रमोगन को उनके इस संघर्ष का फल भी मिल रहा था, जिसकी वजह से उन्हें आगे बढ़ते रहने का हौसला भी मिला. उन्होंने बताया था कि बिजनेस की शुरुआत के पहले ही वर्ष में कंपनी ने 1,50,000 रुपये का सालाना कारोबार किया. कंपनी की शुरुआत किसी अन्य नाम से हुई थी मगर साल 1986 में चंद्रमोगन ने अपनी कंपनी का नाम Hatsun Agro Product रख लिया. इस कंपनी द्वारा चंद्रमोगन ने किसानों और फर्म के बीच से बिचौलियों के अस्तित्व को खत्म कर दिया. एक छोटा कारखाना-सह-बिक्री आउटलेट बनाकर उन्होंने लागत में कटौती की. अब किसान सीधा कंपनी से संपर्क कर अपने हक का मुनाफा कमाने लगे.

आज देश के 100 सबसे अमीरों में हैं शामिल

कभी अपने परिवार की सारी संपत्ति बेच मात्र 13,000 से अपना बिजनेस शुरू करने वाले चंद्रमोगन की दौलत आज 1.3 बिलियन डॉलर यानी 9600 करोड़ रुपये है. वे अब भारत के टॉप 100 सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक हैं. हटसन एग्रो आज की तारीख में 4 लाख से अधिक किसानों से औसतन 33 लाख लीटर दूध की खरीद रही है. जिसका इस्तेमाल वह अपने ब्रांड अरुण आइस क्रीम, आरोक्य मिल्क, हटसन दही, हटसन पनीर और इबको आदि बनाने में करती है. रिपोर्ट्स की मानें तो हटसन दुनिया भर के 38 से अधिक देशों में अपने प्रोडक्ट्स को एक्सपोर्ट करती है. हटसन विशेष रूप से अमेरिका, मध्य पूर्व और दक्षिण एशियाई बाजारों में अपने उत्पादों का निर्यात करता है.

10 साल में पाई बड़ी सफलता

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इस कंपनी का भारत में अधिकांश ध्यान दक्षिण भारतीय बाजार पर रहता है. चंद्रमोगन के अनुसार दक्षिण भारतीय बाजार में बिकने वाले सभी दूध उत्पादों का लगभग 17 प्रतिशत और आइसक्रीम बाजार का 40 प्रतिशत से अधिक हटसन एग्रो प्रोडक्ट्स द्वारा बेचा जाता है. हटसन एग्रो प्रोडक्ट्स के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर चंद्रमोगन ने इस संबंध में बताया था कि वह दक्षिण भारत में प्रमुख हैं.

कंपनी की कामयाबी के बारे में चंद्रमोगन का कहना है कि आज से 10 वर्ष पहले कंपनी जितना टर्न ओवर करती थी, आज उसके बराबर का टर्नओवर मात्र 30 मिनट में होता है. आज कंपनी की बाजार पूंजी 13,000 करोड़ रुपये से अधिक है, जिसमें राजस्व 5,300 करोड़ रुपये से अधिक है.