पर्यावरण की तरफ़ एक और कदम! बांस से बनी बोतल के बाद अब लोगों को बांस का टिफ़िन भी पसंद आ रहा है

प्लास्टिक के विकल्प का मुद्दा अभी चर्चा का विषय है. इसी बीच बांस प्लास्टिक के कई प्रोडक्ट्स को बेहतरीन तरीके से रिप्लेस कर रहा है. अब इंटरनेट पर बांस से बने टिफ़िन खूब पसंद किया जा रहे हैं.

मणिपुर के चुराचंदपुर में Zogam Bamboo द्वारा निर्मित ये इको-फ्रेंडली टिफिन बॉक्स न केवल देखने में सुन्दर हैं बल्कि बेहद उपयोगी भी हैं और सबसे बड़ी बात ये पर्यावरण के लिए बिल्कुल भी हानिकारक नहीं हैं. इस उम्दा टिफ़िन की फोटो आईएफएस अफसर Sudha Ramen ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से साझा की है. इस टिफ़िन का हर पार्ट बांस से बन हुआ है. इसमें लॉक भी है, जिससे खाने के गिरने की चिंता न ही करें. यह प्लास्टिक और स्टील का बेहतर विकल्प बताया जा रहा है.

 

Sudha Ramen ने इस टिफ़िन का वीडियो साझा करते हुए कैप्शन में लिखा, “मणिपुर के चुराचंदपुर में ज़ोगम बांस द्वारा बनाए गए इस टिफिन को देखें. स्थानीय संसाधनों का उपयोग करके सुंदर और इनोवेटिव डिजाइन. प्राकृतिक उत्पादों का उपयोग करें – वे न केवल आकर्षक हैं, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी हैं और यह कई लोगों की आजीविका का भी समर्थन करता है.”

इस संगठन के पीछे के व्यक्ति गोलन नौलाक ने इस टिफ़िन की डिटेल्स साझा की. और लिखा, “स्थानीय संसाधनों का उपयोग करने वाले पर्यावरण के अनुकूल हैं ओर कोरोना काल के बाद इकॉनमी को भी फ़ायदा पहुंचाएगे.”

 

मालूम हो, इससे पहले सोशल मीडिया पर बांस से बनी बोतल ट्रेंड कर रही थी. यह Tripura Rehabilitation Plantation Corporation Limited का एक हिस्सा है, जिसमें Bamboo Artisanal Bottle Project के तहत इसे त्रिपुरा के झूम खेती करने वाले किसानों को बेहतर आजीविका प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इस परियोजना के पीछे IFS प्रसाद राव नाम शामिल हैं, जिन्होंने इस बोतल के ऑर्डर शुरू होने की घोषणा की.

 

द हिन्दू से बात करते हुए राव ने कहा, “इसका मकसद त्रिपुरा में आदिवासी समुदाय को स्थानीय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कर उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने में मदद करना है. पूर्वोत्तर के विभिन्न प्रकार के बांस के बारे में पूरी तरह से सीखने और समझने के बाद, मैंने एक विशेष किस्म पर फ़ैसला किया जो इस क्षेत्र का मूल निवासी है (मैं बांस का नाम नहीं दे सकता क्योंकि यह एक व्यापार रहस्य है). परियोजना के लिए, हमने दस मास्टर कारीगरों को प्रशिक्षित किया, जिन्होंने डिजाइन और प्रक्रिया के लिए 1000 अन्य कारीगरों को प्रशिक्षित किया. हमें एक प्रोटोटाइप तैयार करने में आठ महीने लगे, जिसके बाद हमने उत्पादन शुरू किया.