One Nation One ITR Form : क्या है कॉमन आईटीआर फॉर्म? जानिए कैसे इनकम टैक्स भरना होगा आसान

One Nation One ITR Form : जल्द ही आप अपने लिए उपयुक्त आईटीआर फॉर्म चुनने की झंझट से बचने वाले हैं। सीबीडीटी ने कॉमन आईटीआर फॉर्म का प्रस्ताव रखा है। इसे वन नेशन वन आईटीआर फॉर्म भी कहा जा रहा है। इस फॉर्म में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स यानी क्रिप्टोकरेंसी आदि से प्राप्त मुनाफे को दर्शान के लिए एक अलग स्थान होगा।

What is Common ITR Form
What is Common ITR Form

नई दिल्ली : जैसे-जैसे आईटीआर भरने की लास्ट डेट पास आती है, देश में कई लोगों की चिंताएं बढ़ने लगती है। कैसे भरें, किससे भरवाएं, अधिकतम छूट कैसे पाएं जैसे सवाल परेशान करते हैं। जो नए-नए करदाता होते हैं, उनके लिए तो अपना सही आईटीआर फॉर्म (ITR Form) चुनना भी कोई कम आसान काम नहीं हैं। इन सब चीजों को देखते हुए आयकर विभाग धीरे-धीरे आईटीआर की प्रक्रिया को आसान बना रहा है। इसी दिशा में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक कॉमन आईटीआर फॉर्म का प्रस्ताव रखा है। मतलब सभी के लिए एक ही आईटीआर फॉर्म। इससे आप अपने लिए सही आईटीआर फॉर्म चुनने की झंझट से बच जाएंगे। इसे हम वन नेशन वन आईटीआर फॉर्म (One Nation One ITR Form) कह सकते हैं। इस नए फॉर्म पर हितधारकों से 15 दिसंबर तक टिप्पणियां मांगी गई हैं। आइए विस्तार से जानते हैं।

अभी कितने तरह के हैं आईटीआर फॉर्म

आईटीआर फॉर्म 1 (सहज) : यह छोटे और मझोले करदाताओं के लिए है। 50 लाख रुपये तक की आय वाले लोग इस फॉर्म को भर सकते हैं। यह सैलरी, हाउस प्रॉपर्टी या दूसरे सोर्स (ब्याज आदि) से प्राप्त कमाई के लिए होता है।

आईटीआर फॉर्म 2 : अगर आपकी आय में रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी से प्राप्त इनकम शामिल है, तो आप यह फॉर्म भर सकते हैं।

आईटीआर फॉर्म 3 : बिजनस या प्रोफेशन से इनकम कमाने वाले लोगों के लिए यह फॉर्म होता है।

आईटीआर फॉर्म 4 : इसे हम सुगम के नाम से भी जानते हैं। सुगम फॉर्म का इस्तेमाल 50 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों एवं फर्मों द्वारा किया जाता है।

आईटीआर फॉर्म 5 और 6 : 
आईटीआर फॉर्म 5 और 6 सीमित दायित्व भागीदारी (LLP) एवं कारोबारों के लिए निर्धारित हैं।

आईटीआर फॉर्म 7 : आईटीआर-7 फॉर्म का इस्तेमाल ट्रस्ट और एनजीओ कर सकते हैं।
क्या होगा बदलाव?
प्रस्ताव के अनुसार, ट्रस्ट और एनजीओ को छोड़कर कॉमन आईटीआर फॉर्म का उपयोग कर सकते हैं। इस फॉर्म में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स यानी क्रिप्टोकरेंसी आदि से प्राप्त मुनाफे को दर्शान के लिए एक अलग स्थान होगा। सीबीडीटी ने कहा है कि आईटीआर-1 और आईटीआर-4 आगे भी बने रहेंगे। लेकिन व्यक्तिगत करदाताओं के पास इस कॉमन आईटीआर फॉर्म के माध्यम से भी रिटर्न जमा करने का विकल्प होगा। सीबीडीटी ने कहा, ‘‘आईटीआर-7 फॉर्म को छोड़कर बाकी सभी रिटर्न वाले फॉर्म को मिलाकर एक साझा आईटीआर फॉर्म लाने का प्रस्ताव है। नए आईटीआर का मकसद व्यक्तियों और गैर-कारोबारी करदाताओं के लिए रिटर्न जमा करने को आसान बनाने और इसमें लगने वाले समय को कम करना है।’


क्या बंद हो जाएंगे सहज और सुगम फॉर्म

अब लोगों के मन में यह सवाल होगा कि क्या सबसे ज्यादा यूज होने वाले सहज और सुगम फॉर्म बंद हो जाएंगे? इसका जवाब है नहीं। आईटीआर फॉर्म नंबर एक और चार आगे भी बने रहेंगे। सबीडीटी ने कहा, ‘मौजूदा आईटीआर-1 और आईटीआर-4 बना रहेगा। पात्र करदाता अपनी सुविधा के अनुसार मौजूदा फॉर्म (ITR-1 या ITR-4) या प्रस्तावित कॉमन आईटीआर फॉर्म में अपना रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।’

आसान होगा आईटीआर भरना
कॉमन आईटीआर फॉर्म आने के बाद आम लोगों के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करना (ITR F iling) आसान हो जाएगा। लोगों को सारे सेक्शन नहीं देखने पड़ेंगे कि उन पर कौन-सा लागू होगा और कौन-सा उन्हें छोड़ना है। केपीएमजी पार्टनर परिजाद सिरवाला ने कहा, ‘रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को आसान बनाने की दिशा में यह बिल्कुल सही कदम है। इससे सबसे पहले यह मुश्किल खत्म हो जाएगी कि किसे, कौन-सा फॉर्म भरना है।’ इसमें कुछ नई चीजें भी जोड़ी गई हैं, जैसे- वर्चुअल डिजिटल असेट्स और विदेश भेजी गई रकम।