प्रदेश के निजी और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को आने वाले दिनों में स्कूल परिसर में ही स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। ये सुविधाएं शुरू करने से पूर्व प्रदेश के स्कूलों में अध्यापकों को प्राथमिक चिकित्सा और अन्य उपचार का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
अब स्कूल में किसी विद्यार्थी के बीमार होने पर उपचार के लिए अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। प्रदेश के निजी और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को आने वाले दिनों में स्कूल परिसर में ही स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। ये सुविधाएं शुरू करने से पूर्व प्रदेश के स्कूलों में अध्यापकों को प्राथमिक चिकित्सा और अन्य उपचार का प्रशिक्षण दिया जाएगा। कोरोना काल के बाद प्रदेश के अधिकांश स्कूल विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर कदम नहीं उठा रहे थे। अब शिक्षा विभाग विद्यार्थियों को स्वस्थ रखने के लिए यह कदम उठा रहा है।
स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए प्राथमिक चिकित्सा उपचार, एंटीबायोटिक दवाइयां और विश्राम कक्ष की उचित व्यवस्था होगी। स्वास्थ्य स्वच्छता शिविर, कोरोना संक्रमण से बचाव, विभिन्न बीमारियों पर जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग की टीमें विद्यार्थियों की जांच कर उन्हें स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देंगी। शिक्षा विभाग स्कूलों में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर औचक निरीक्षण करेगा। प्रत्येक स्कूल में प्राथमिक चिकित्सा उपकरण बैंडेज, कॉटन, डेटोल, कैंची, एंटीबायोटिक, सैनिटाइजर के साथ प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स उपलब्ध होना सुनिश्चित किया जाएगा।
जिले के निजी और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को स्कूल खुलने पर उचित चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी। इसके लिए सभी स्कूलों में अध्यापकों को विद्यार्थियों को उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।