बरेली के मलूकपुर इलाके में रहने वाली नसरीन को 20 दिन पहले उसके पति इशहाक ने तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया। मंगलवार को इशहाक ने नसरीन के मायके जाकर उस पर तेजाब फेंक दिया और फरार हो गया।
नसरीन के पिता मुख्त्यार बेहद गरीब हैं और रिक्शा चलाकर परिवार चलाते हैं। तीन तलाक के बाद मायके आकर नसरीन बेटियों के पालन पोषण के लिए पतंग बनाने लगी थी। इशहाक ने मंगलवार दोपहर जब घर में घुसकर उस पर तेजाब फेंका, तब भी वह पतंग बना रही थी। मुख्त्यार रिक्शा चलाने गए हुए थे।
घर में नसरीन की दो भाभी यासमीन और रानी के साथ उसकी ताई ही मौजूद थीं। इशहाक उस पर तेजाब फेंकने ही आया था और तेजाब फेंककर फौरन भाग निकला। तेजाब से बुरी तरह झुलसी नसरीन ने पुलिस को बताया कि इशहाक कई सालों से उन पर सितम कर रहा था। पिता की माली हालत कमजोर होने और दोनों बेटियों की खातिर वह सबकुछ बर्दाश्त कर रही थीं।
एक महीने पहले छोटी बेटी महरीन की हालत काफी बिगड़ गई तो उन्होंने इशहाक से उसके इलाज के लिए पैसे मांगे थे। शराब के नशे में इशहाक का दो टूक इनकार सुनकर परेशान होने के बाद उसने इतना भर कह दिया कि शराब में बहाने के लिए पैसे हैं, बेटी के इलाज के लिए नहीं। नसरीन के मुताबिक इससे आगबबूला हुए इशहाक ने नशे में उन्हें तीन तलाक देकर घर से निकल जाने को कह दिया।
को कहा लेकिन उन्होंने अपने मान-सम्मान की खातिर इनकार कर दिया। इसी बात पर इशहाक इतना भड़का कि घर में घुसकर तेजाब से हमला कर दिया।
भाभी को धक्का देकर घर में घुस आया
इशहाक आया तो नसरीन की भाभी यासमीन ने उसे दरवाजे पर ही रोक लिया। यासमीन के मुताबिक इशहाक को बेहद गुस्से में देखकर उन्होंने उससे कहा कि घर में कोई मर्द नहीं है, जब सब लोग हों तभी आकर बात करना। इशहाक ने इस बातचीत के दौरान कई बार घर में घुसने की कोशिश की और फिर उन्हें धक्का देकर अंदर घुस आया।
आनन-फानन उसने जेब से तेजाब की बोतल निकालकर उसका ढक्कन खोला और पतंग बना रहीं नसरीन के ऊपर तेजाब फेंक दिया। यासमीन ने नसरीन को बचाने की कोशिश की तो तेजाब गिरने से उनका हाथ भी झुलस गया। पुलिस पहुंची तो घर के फर्श पर काफी मात्रा में तेजाब पड़ा पाया। इससे जाहिर था कि जल्दबाजी में वह पूरा तेजाब नसरीन पर नहीं डाल पाया।
शराब पीने भर को होती थी मांझे की कमाई
आरोपी इशहाक किला क्षेत्र में ही मांझा बनाने का काम करता है। नसरीन ने तंगी की वजह से कई बार उससे मांझे बनाने के साथ कुछ दूसरा काम भी करने को कहा लेकिन वह उसकी यह सलाह नजरअंदाज कर देता था। मांझे की कमाई उसके शराब पीने के अलावा किसी और काम नहीं आती थी।
जल्दबाजी में भागा, घर में ताला तक नहीं लगा सका
पिता बोले- गरीब हूं, मुकदमा नहीं कर पाऊंगा
नसरीन के भावुक पिता मुख्त्यार खां ने जिला अस्पताल पहुंचे एसपी सिटी से कहा कि वह पैडल वाला रिक्शा चलाते हैं। बमुश्किल 50 से सौ रुपये की कमाई हो पाती है। इस गरीबी में वह न बेटी का इलाज कराने की हैसियत में हैं, न मुकदमा चलाने की। एसपी सिटी ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनका कोई पैसा खर्च नहीं होगा। अच्छा इलाज भी कराया जाएगा और मुकदमे की पैरवी भी पुलिस करेगी। इसके बाद मुख्त्यार ने मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर दी।