छत्तीसगढ़ में अब तक का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. जांजगीर जिले के जांजगीर-चांपा जिले के पिहरिद गांव में एक खुले बोरवेल में 10 साल का बच्चा गिर गया है. राहुल साहू नामक इस बच्चे को बचाने के लिए पिछले करीब 65 घंटे से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. शासन-प्रशासन, पुलिस के साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम बच्चे को बचाने में जुटी हुई हैं. जैसे-जैसे रेस्क्यू का समय बढ़ रहा है परिवार वालों की बेचैनी बढ़ रही है. बीते शुक्रवार की दोपहर करीब 3 बजे बच्चे के बोरवेल में गिरने की सूचना प्रशासन को मिली थी. इसके कुछ देर बाद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है.
राहुल साहू करीब 80 फीट गहरे बोरवेल में गिरा है. 52 से 54 घंटे तक करीब 60 फीट तक बोरवेल के पास पोकलेन, जेसीबी और ड्रील मशीन से खुदाई की गई. रविवार की रात को बोरवेल तक टनल बनाने का काम शुरू हुआ. ताकि राहुल को खुदाई की वजह से कोई नुकसान न हो. उम्मीद जताई जा रही थी कि रात में शुरू हुआ टनल निर्माण सुबह तक पूरा कर लिया जाएगा. इसके बाद सुबह राहुल को लेकर अच्छी खबर मिलेगी, लेकिन टनल बनाने के रास्ते में चट्टान बड़ी बाधा बन गयी है. चट्टान के आगे सभी मशीन फेल साबित हो रही हैं. इसके चलते टनल बनाने का काम भी धीमा हो गया है.
टीम मुस्तैद होकर दे रही ऑपरेशन को अंजाम
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की राहुल के रेस्क्यू ऑपरेशन पर सीधी नजर है. वे पल-पल की जानकारी प्रशासन से ले रहे हैं. जांजगीर कलेक्टर जितेन्द्र शुक्ला ने बताया कि कि हम हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं. मुख्यमंत्री जी के निर्देशन में प्रशासन की टीम मुस्तैद होकर इस ऑपरेशन को अंजाम देगी. पिहरीद, मालखरौदा जिला जांजगीर-चाम्पा में बोरवेल में 65 घंटे से भी अधिक समय से फंसे राहुल साहू को बाहर निकालने अंतिम दौर का रेस्क्यू शुरू कर दिया गया है. बता दें कि कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला, पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल सहित सेना के अफसर, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एसईसीएल सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ पूरी टीम छत्तीसगढ़ के इस सबसे बड़े रेस्क्यू में जा रही है.
दिव्यांग होने से बढ़ी परेशानी
बता दें कि राहुल साहू दिव्यांग है. वे मूक-बधिर होने के कारण रेस्क्यू टीम की आवाज या बात को नहीं सुन पा रहा है. बोरवेल के अंदर वीडियो ग्राफी के जरिए राहुल की हरकतों का पता लगाया जा रहा है. रस्सी के सहारे ऑक्सीजन सिलेंडर, खाने के लिए केला व अन्य सामग्री पहुंचाई जा रही है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसी भी इमरजेंसी से निपटने के लिए चिकित्सकीय व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं.