शूलिनी लिटरेचर सोसाइटी (बेलेट्रिस्टिक) नियमित साहित्यिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए प्रसिद्ध है। सोसायटी द्वारा आयोजित एक ताज़ा और अलग कार्यक्रम विभाग के संकाय सदस्यों द्वारा ऑनलाइन/ऑफ़लाइन प्ले रीडिंग था।
प्रसिद्ध लेखिका सुसान ग्लासपेल का नाटक “द सप्रेस्ड डिज़ायर्स” एक व्यक्ति और उसके व्यक्तिगत वातावरण पर मनोविज्ञान के प्रभाव पर एक व्यंग्य है। बिना किसी कटुता या विद्वेष के मनोविश्लेषण के वरदान और अभिशाप को यह एक-दूसरे की जुबान से देखता है। एक परिवार के तीन सदस्य स्वप्न विश्लेषण और दबी हुई इच्छाओं के पक्ष और विपक्ष पर बहस करते हैं, और स्वयं को अचेतन अवरोधों से मुक्त करने और एक मुक्त जीवन जीने की आवश्यकता पर बात करते है ।
असिस्टेंट प्रोफेसर मिस्टर नीरज पिजार और डॉ. नवरीत साही ने मिस्टर एंड मिसेज ब्रूस्टर की भूमिका निभाई, जबकि पूर्णिमा बाली ने छोटी बहन माबेल की भूमिका निभाई। इसके बाद हुई चर्चा में अन्य संकाय सदस्य शामिल हुए। यह एक ऐसा आयोजन था जिसका सभी ने लुत्फ उठाया। इस कार्यक्रम का कई सोशल मीडिया साइटों पर और कैंपस में ऑफलाइन मोड में लाइव-कास्ट किया गया था।