74वें गणंतत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों (Padma Awards 2022) की घोषणा की गई. 106 लोगों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा. इनमें 6 पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 पद्मश्री पुरस्कार शामिल हैं. पद्म श्री पुरस्कार पाने वालों में जबलपुर, मध्य प्रदेश के एक डॉक्टर भी शामिल हैं, डॉ. मुनीश्वर चंद्र डावर. डॉ. डावर सिर्फ़ 20 रुपये में मरीज़ों का इलाज करते हैं.
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India Today के एक लेख के अनुसार, डॉ. डावर का जन्म पंजाब (पाकिस्तान) में 16 जनवरी, 1946 को हुआ था. विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया. उन्होंने जबलपुर से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने सेना में भर्ती होने की परीक्षा दी. 533 उम्मीदवारों में सिर्फ़ 23 को चुना गया और डॉ. डॉवर को 9th रैंक मिली.
1971 के युद्ध के दौरान किया था घायलों का इलाज
1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान डॉ. डॉवर को पहली पोस्टिंग बांग्लादेश मिली. जंग के दौरान घायल हुए असंख्य जवानों का उन्होंने इलाज किया. युद्ध के बाद उन्हें कुछ स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो गई और उन्हें रिटायरमेंट लेना पड़ा. दैनिक भास्कर के लेख के अनुसार 1972 से उन्होंने जबलपुर में मरीज़ों का इलाज करना शुरू किया.
सिर्फ़ 20 रुपये में करते हैं इलाज
डॉ. डावर ने 2 रुपये लेकर मरीज़ों का इलाज करना शुरू किया. 1986 तक उनकी यही फ़ीस थी और इसके बाद उन्होंने 3 रुपये लेना शुरू किया. 1997 में उनकी फ़ीस बढ़कर 5 रुपये हुई. 2012 तक उनकी फ़ीस 5 रुपये ही थी पर आर्थिक समस्याओं की वजह से उन्हें अपनी फ़ीस बढ़ाकर 10 रुपये करनी पड़ी. 2021 में उन्होंने अपनी फ़ीस 20 रुपये की और बढ़ती महंगाई के बावजूद आज भी उनकी फ़ीस 20 रुपये ही है.
गरीबों की सेवा करना है लक्ष्य
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डॉ. डावर ने बताया कि इतनी कम फ़ीस लेने पर घरवालों ने सवाल ज़रूर उठाया लेकिन किसी ने रोका नहीं. ANI से बात-चीत में डॉ डावर ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य है गरीबों की सेवा करना और इसी वजह से फ़ीस नहीं बढ़ाई गई. सफ़लता का एक ही मंत्र है संयम से काम करते जाओ, एक न एक दिन सफ़लता ज़रूर मिलेगी.’
50 से ज़्यादा वर्षों से डॉ. डावर मरीज़ों की सेवा करते आए हैं. उनकी क्लिनिक हफ़्ते के 6 दिन खुलती है और दूर-दराज़ के इलाकों से रोज़ तकरीबन 200 मरीज़ इलाज करवाने आते हैं. कुछ मरीज़ तो पीढ़ियों से उनके पास ही इलाज करवाते आ रहे हैं.