पगलैट सक्सेना: लाखों की नौकरी छोड़ एक मौके की तलाश में कई Km पैदल भटके, संघर्ष से चमकाई किस्मत

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हम टीवी पर कलाकारों को अभिनय करते देखते हैं. उनके अभिनय से अपना मनोरंजन करते हैं, उन्हें पसंद करते हैं. लेकिन ये कम ही लोग जानते हैं कि इन अभिनेताओं को एक्टिंग करने के लिए किन परेशानियों से गुजरना पड़ा. इनमें से बहुत ऐसे अभिनेता हैं जिनकी जिंदगी खुद संघर्ष की कहानी रही है.

भाभीजी घर पर… वाले सक्सेना, संघर्षपूर्ण रही कहानी

Saanand Varma Google

इंसान के अंदर का जुनून उससे वो सब भी करवा देता है जो सोचना में भी मुश्किल लगता है. यही जुनून आपकी इच्छाशक्ति को इतना मजबूत बना देता है कि तमाम कठिनाइयों के बावजूद आपको सिर्फ़ आपकी मंजिल दिखती है. कुछ ऐसा ही जुनून रहा है ‘भाभी जी घर पर हैं’ के सक्सेना जी के अंदर. आंखों में पल रहे सपने ने इन्हें अभिनय के क्षेत्र में कुछ कर दिखाने की हिम्मत दी. धीरे-धीरे वो हिम्मत इनका जुनून बन गई और फिर इन्होंने अपने लक्ष्य के आगे आने वाली किसी परेशानी को इतना बड़ा नहीं बनने दिया जिससे कि इन्हें अपना रास्ता बदलना पड़े.

खुशी से बोलते हैं ‘I Like It’

Saanand Varma Twitter

ये कहानी है सानंद वर्मा की, वही जो ‘भाभीजी घर…’ सीरियल में थप्पड़ और करेंट के झटके खा कर खुशी से ‘आई लाइक इट’ बोलने के लिए जाने जाते हैं. बहुत से दर्शक इन्हें इनके असली नाम से नहीं बल्कि सक्सेना जी के नाम से जानते हैं. लोकप्रिय धारावाहिक ‘भाभी जी घर पर हैं’ में सानंद वर्मा पिछले सात साल से सक्सेना जी का किरदार निभा रहे हैं. किरदार को यादगार बनाने वाले सानंद वर्मा के संघर्ष की कहानी खुद में एक फिल्म का रूप लेने की क्षमता रखती है.

अभिनय के लिए छोड़ी लाखों की नौकरी

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आज अभिनय के क्षेत्र में लोगों के बीच अपनी बड़ी पहचान बना चुके सानंद वर्मा को हमेशा से अभिनय पसंद था. हालांकि उनका बचपन ऐसा रहा कि वह सिर्फ अपने सपने पर फोकस नहीं कर सकते थे. टाइम्स नाउ की एक खबर के सानुसार सानंद ने बताया था कि, ‘वह अपने परिवार के लिए तब से काम कर रहे हैं जब वह मात्र 8 साल के थे. आउटलुक को दिए अपने इंटरव्यू में सानंद ने बताया था कि उनके पिता का जब देहांत हुआ तो उस समय उनके अंतिम संस्कार के लिए भी उनके पास पैसे नहीं थे. सानंद ने अपने गरीबी के दिनों में बच्चों को भी पढ़ाया. समय के साथ उनकी स्थिति सुधरती रही और फिर एक ऐसा समय आया जब वह एक कॉरपोरेट जॉब का हिस्सा थे. हालांकि अभिनय के लिए उन्होंने 50 लाख रुपए सालाना देने वाली ये नौकरी छोड़ दी.

कई किलोमीटर पैदल चलते थे

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उन्हें खुद को साबित करने के लिए सिर्फ एक मौका चाहिए था. इसी एक मौके की तलाश में वह बहुत समय तक भटकते रहे. स्ट्रगल के दौर में उन्होंने कई इम्तिहान दिए, असफल हुए लेकिन हार नहीं मानी. इनकी जेब की हालत ऐसी थी कि इंटरव्यू के लिए दौड़ भाग करते समय कई बार किराये के लिए पैसे नहीं होते थे. ऐसे में ऑडिशन देने के लिए सानंद कई किलोमीटर पैदल चलकर जाया करते थे.

सानंद वर्मा के अनुसार जब उन्होंने कॉर्पोरेट जॉब छोड़ी तब उन पर बड़ा होम और कार लोन था. इस कर्ज के साथ वह चैन से अपने जुनून को पूरा नहीं कर सकते थे. इसके लिए उन्होंने ग्रेजुएटी और प्रोविडेंट फंड से मिले  पैसे से अपना होम लोन चुकाया. कार लोन न चुका पाने की सूरत में उन्होंने अपनी कार ही बेच दी. उनके अनुसार कॉर्पोरेट जॉब के दौरान वह 5 बजे उठते, रियाज करते.

फिर चमकी किस्मत

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समय के साथ सानंद की मेहनत असर दिखाने लगी. उन्हें 2010 में बतौर प्रोफेशनल एक्टर एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में जगह मिल गई और उन्होंने सीआईडी शो से अपने इस सफर की शुरुआत की. ‘भाभी जी घर पर हैं’ शो करने से पहले सानंद तकरीबन 20 अन्य शोज में काम कर चुके थे, लेकिन अभी तक उन्हें वो एक मौका नहीं मिला था जिससे वह खुद के अभिनय की काबलियत को साबित कर पाते. ये मौका उन्हें तब मिला जब उन्हें ‘भाभीजी घर पर हैं’ शो के लिए चुना गया.

इस शो में मिले किरदार ने उनकी किस्मत बदल दी. उन्होंने इस मौके को हाथ से जाने नहीं दिया. इस किरदार में उन्होंने जान लगा दी और देखते ही देखते ये उन चुनिंदा किरदारों में से एक बन गया जिसकी वजह से अभिनेता को जाना जाता है. शो में थप्पड़ खाने के बाद ‘आई लाइक इट’ बोल कर लोगों को हंसाने वाले पगलैट सक्सेना एक एपिसोड के लिए 30 हजार रुपये चार्ज करते हैं.